केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने नियमों में नेटवर्क शब्द जोड़ा
बदलाव से खुश एडीएसईआई ने कहा- यह आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक और कदम
गुरुग्राम, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के ही हजारों युवाओं को फायदा होने की उम्मीद

गुरुग्राम – भारत सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री नियमों में परिवर्तन करके इस इंडस्ट्री से जुड़े करोड़ों लोगों को राहत दी है। मंत्रालय द्वारा बुधवार 21 जून को जारी अधिसूचना के बाद नेटवर्किंग के माध्यम से प्रोडेक्ट बेचने वाली कंपनियों के लोग झूम उठे हैं। नियमों में साफ तौर पर ‘नेटवर्क’ शब्द जोड़ दिया गया है। बुधवार को जारी अधिसूचना में खंड (घ) में ‘’सीधे विक्रेताओं के माध्यम से’’ के स्थान पर “सीधे विक्रेताओं के नेटवर्क के माध्यम से” प्रतिस्थापित किया जाएगा, लिखा गया है। इस एक शब्द के जोड़ दिए जाने से देशभर की उन डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के बांछे खिल उठे हैं, जो पिछले काफी समय से इसके लिए सरकार से गुहार लगा रही थी।

अधिसूचना जारी होने से खुश‌ डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों और एडीएसईआई ( एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटीज ऑफ इंडिया) के पदाधिकारियों ने इसे बड़ा फैसला बताते हुए मोदी सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लिए उठाया गया एक शानदार कदम बताया है। इसके लिए काफी लंबे समय से लड़ाई लड़ रही एसोसिएशन एडीएसईआई के ऐडमिनिस्ट्रेटर हेम पांडे ने कहा कि इस अधिसूचना से देश मे डायरेक्ट सेलिंग करना आसान हो जाएगा और इंडस्ट्री तेजी से बढ़ेगी। एडीएसईआई के संरक्षक, आरसीएम के डायरेक्टर टीसी छाबड़ा ने कहा कि इस अधिसूचना का इंतजार कई वर्षों से था अब इंडस्ट्री में फैले सभी भ्रम को विराम लगेगा और काम करने में आसानी होगी।

एडीएसईआई के संरक्षक, वेस्टीज के डायरेक्टर गौतम बाली ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लीगल स्टेटस मिलने से देश के लोगो मे इंडस्ट्री के प्रति भरोसा बढ़ेगा। सही मायने में इस अधिसूचना से नेटवर्क ऑफ डायरेक्ट सेलर्स को सम्मान मिला है। एडीएसईआई के प्रेसिडेंट एवं एडब्ल्यूपीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव कुमार ने कहा कि भारत सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से देश के करोड़ों डायरेक्ट सेलर का भविष्य सुरक्षित हो गया है, सही मायने में ये निर्णय भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के सुनहरे भविष्य की शुरुआत है। एडीएसईआई के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा खाद्य व सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियुष गोयल का आभार जताते हुए इसे सरकार का ऐतिहासिक निर्णय एवं इंडस्ट्री को गौरवान्वित करने वाला कदम बताया।

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