-प्रदेश की ग्रामीण आबादी की जीवन सुगमता में सुधार के लिए हरियाणा सरकार पूर्णत प्रतिबद्ध: विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली
-ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत
– विकास कार्यों के लिए सरकार के पास पर्याप्त फंड, अधिकारी आबंटित फंड करें उपयोग
– एस्टीमेट बनाते समय साईट का करें निरीक्षण, उच्चाधिकारी एस्टीमेट की करें जांच

गुरुग्राम,  14 जून। हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि हरियाणा सरकार ग्रामीण आबादी की जीवन सुगमता में सुधार के लिए पूर्णत प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों की विकास से जुड़ी समस्याओं का प्रमुखता के साथ निवारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि शहरी स्तर की जो भी सुविधाएं हैं वो ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराई जाए। पंचायत मंत्री बुधवार को गुरुग्राम के डीएलफ फेज 5 स्थित क्लब में गुरुग्राम व फरीदाबाद की मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। इस समीक्षा बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, निदेशक डीके बेहरा एवं जयकृष्ण अभीर, विभाग के मुख्य अभियंता रूप हुड्डा, अतिरिक्त निदेशक  सतेंद्र दुहन, अधीक्षक अभियंता यशवीर पवन आदि उपस्थित रहे।

विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने समीक्षा बैठक में निर्धारित बिन्दुओं की क्रम अनुसार समीक्षा की तथा गुरुग्राम व फरीदाबाद मंडल में शामिल जिलों गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नूहं, फरीदाबाद व पलवल के विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी ग्रामीण विकास की विभिन्न परियोजनाओं को पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूर्ण करवाएं ताकि ग्रामीण जनता को इन विकास परियोजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण विकास की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। प्रदेश सरकार द्वारा विभाग में जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं तथा विकास कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं है।

देवेंद्र सिंह बबली ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि वे विकास परियोजनाओं का वास्तविक एस्टीमेट तैयार करें तथा जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी इन एस्टीमेट की जांच कर ताकि संशोधित एस्टीमेट तैयार ना करना पड़े, जिसमें समय नष्ट होता है तथा परियोजनाओं का कार्य देरी से हो पाता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जलभराव के क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को पूर्ण करने में हो रही परेशानियों का समाधान भी तलाशे। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रतिदिन विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति अपडेट करें। ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के प्राथमिकता के आधार पर एस्टीमेट तैयार किए जाएं तथा मनरेगा के तहत भी ज्यादा से ज्यादा करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एक टीम के रूप में आपसी तालमेल के साथ कार्य करें। सरकार की प्राथमिकता जनहित के कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करना है। सरकार द्वारा शहरों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विकास एवं पंचायत विभाग में मैनपावर सहित अन्य सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि विकास परियोजनाएं बाधित न हो।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने अधिकारियों को ई-टैंडरिंग के माध्यम से करवाए जा रहे विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव के सरपंच साथ सभी संबंधित अधिकारी तालमेल बढ़ाकर विकास परियोजनाओं को पूर्ण करवाएं। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं को ईमानदारी तथा इच्छा शक्ति से यथाशीघ्र अमलीजामा पहनाएं।
देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरकार द्वारा गांवों में सामुदायिक केन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है। अधिकारी सामुदायिक केन्द्रों में एकरूपता के लिए सभी का एक समान डिजाईन तैयार करें। सरकार द्वारा गांव में लाईब्रेरी भी स्थापित की जा रही है। इसके अलावा ग्राम सचिवालय को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। अधिकारी विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध करवाए गए बजट को खर्च करना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों का लाभ मिल सके। पंचायत मंत्री ने तालाबों के जीर्णोद्घार की समीक्षा करते हुए जिला अनुसार प्रगति रिपोर्ट ली तथा अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों को आगामी 15 अगस्त 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तालाबों के जीर्णोद्घार के समय निकाली जा रही गाद को गांव के विकास कार्यों में ही प्रयोग करना सुनिश्चित किया जाए तथा किसी भी स्थिति में इस गाद की गांव से बाहर बिक्री न हो।

अमृत सरोवर पर कार्यक्रम का आयोजन कर ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाए: अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक

विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक ने एजेंडे में शामिल बिन्दुओं की क्रमवार समीक्षा करवाई। उन्होंने अमृत सरोवर अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि योजना के तहत जिन स्थानों पर अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहां ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने के लिए समय समय पर कार्यक्रमो का आयोजन किया जाए। उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे विकास कार्यों का एस्टीमेट तैयार करते समय विकास कार्य के स्थल का दौरा करें तथा पैमाईश इत्यादि के उपरांत ही सही एस्टीमेट तैयार करें। बैठक में तालाब जीर्णोद्घार के अलावा तालाबों की गाद निकालना व जल निकासी, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, ई-लाईब्रेरी व इंडोर जिम स्थापित करना, सामुदायिक केन्द्रों का निर्माण, ग्राम दर्शन पोर्टल, ई-टैंडरिंग व अन्य बिन्दुओं व विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई।

बैठक में यह रहे उपस्थित
बैठक में रेवाड़ी के एडीसी स्वप्निल पाटिल, फरीदाबाद की एडीसी अपराजिता, महेन्द्रगढ़ की एडीसी वैशाली सिंह, गुरुग्राम जिला परिषद की सीईओ अनु श्योकंद, , पंचायती राज के एक्सईएन सुधीर मोहन, डीडीपीओ वीरेंद्र सिंह सहित सभी छह जिलों के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।   

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