राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सुखराली में 30 जून तक चलाया जा रहा ग्रीष्मकालीन शिविर “टाबर उत्सव- 2023”

-हरियाणा के युवा मूर्तिशिल्पकारों के संग टाबर उत्सव में विद्यार्थी सीखेंगे मूर्तिकला के हुनर:डीसी

गुरुग्राम, 06 जून। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर, विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल व शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ अंशज सिंह के मार्गदर्शन में स्कूल स्तर के 5वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर “टाबर उत्सव- 2023” प्रदेश के सभी जिलों में एक एक सरकारी स्कूल में आयोजित किया जा रहा है। गुरुग्राम में यह शिविर सुखराली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में चलाया जा रहा है।

डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय प्रकाश कौशल तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) पूनम अहलावत की देखरेख में आयोजित इस शिविर में प्रातः 9:00 से दोपहर 12:00 बजे तक विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलिफ एवं 3डी स्कलप्चरल आर्ट में हरियाणा संस्कृति पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिविर के माध्यम से हरियाणा राज्य के होनहार छात्र – छात्राओं को मूर्तिशिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व राज्य में लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास का अवसर प्रदान किया जा रहा है।

शिविर में सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लर्निंग बाय डूईंग प्रोसेस से मूर्तिशिल्प व क्राफ्ट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में निःशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा। इससे सभी विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्तिशिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। डीसी ने बताया कि शिविर में विभाग द्वारा हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों से नियुक्त किए गए कलाकारों एवं सहकलाकारों द्वारा हर्ष एवं उत्साह के साथ सभी विद्यार्थियों को मूर्तिकला विधा में प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी ( अन्य माध्यम ) व सामग्री आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे। जिससे भविष्य में उनको मूर्तिकला क्षेत्र में शिक्षा के साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में कैरियर बनाने का भी ज्ञान मिलेगा।

डीसी ने बताया कि शिविर में किसी भी आयु वर्ग के कोई भी विद्यार्थी एक महीने हेतु निः शुल्क भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि मूर्तिशिल्प एक मात्र ऐसा विषय है जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। मूर्तिकला बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करती है। हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वैल्डिंग, सिरामिक, असेम्बलेज आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा। इस शिविर में शिल्पकार कमलजीत अलग-अलग कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाईव मोडल डेमो से भी कार्य करवा रहे हैं।

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