रेवाडी के सैक्टर 4 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भवन चंडीगढ़ में बैठी लालफीताशाही ने बिना किसी से चर्चा किये एक निजी संस्था एक विकल्प फाऊंडेशन को दे दिया : विद्रोही
अहीरवाल में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक इतने कमजोर व निजी स्वार्थो से प्रेरित है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अहीरवाल विरोधी नीतियों, सोच के खिलाफ उनमें न तो आवाज उठाने की हिम्मत नही : विद्रोही
विद्रोही ने मांग की कि एक विकल्प संस्था से यह भवन तत्काल वापिस लिया जाये और इस बात की जांच हो कि एक सरकारी भवन को निजी संस्था को किसके कहने पर क्यों दिया गया और खेल में कितना लेन-देन हुआ?

रेवाड़ी, 2 जून 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि अहीरवाल में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक इतने कमजोर व निजी स्वार्थो से प्रेरित है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अहीरवाल विरोधी नीतियों, सोच के खिलाफ उनमें न तो आवाज उठाने की हिम्मत है और न ही अहीरवाल के प्रति किये जा रहे भेदभावपूर्ण सौतेले व्यवहार के खिलाफ विरोध करने का जज्बा है।

विद्रोही ने कहा कि रेवाडी के सैक्टर 4 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भवन चंडीगढ़ में बैठी लालफीताशाही ने बिना किसी से चर्चा किये एक निजी संस्था एक विकल्प फाऊंडेशन को दे दिया और गुरूवार को शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूल भवन परिसर में इस एनजीओ की नई बिल्डिंग बनाने का शिलान्यास भी कर गए। आश्चर्य की बात है कि जब से कांग्रेस जमाने में सैक्टर 4 में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के लिए यह भवन बना है, तब से लेकर अब तक इस भवन में कन्या विद्यालय की कक्षाएं लगी ही नही। पहले इस भवन को राजकीय कन्या कालेज के लिए दिया और राजकीय कन्या कालेज का भवन बन गया तो यह भवन सैनिक स्कूल को दे दिया और जब यह सैनिक स्कूल अपने मूल भवन गोठडा-पाली में शिफ्ट हो गया तो खट्टर सरकार ने अब चुपचाप इस सरकारी भवन को एक निजी संस्था को सौंप दिया। 

विद्रोही ने कहा कि रेवाडी ब्यायज कालेज विगत 6 सालों से राजकीय माध्यमिक विद्यालय के दो कमरों में किसी तरह घिसपिट कर चल रहा है, पर सरकार इस क्षेत्र के लोगों व छात्रों की मांग के बाद भी सैक्टर 4 स्कूल भवन को ब्यायज कालेज को देने की बजाय एक निजी संस्था को देकर अहीरवाल के हितों व सरोकारों छात्रों के साथ अन्याय कर रही है। एक विकल्प संस्था सुपर ओरियेंटल के नाम पर छात्रों, युवाओं को कोचिंग देने का कितना भी अच्छा काम कर रही हो, लेकिन उसको एक सरकारी भवन लीज पर देना किसी भी तरह उचित नही है। जबकि सरकारी कन्या स्कूल व ब्यायज कालेज को इस भवन की भारी आवश्यकता थी। वहीं सरकार एक विकल्प संस्था को रेवाडी में कहीं भी लीज पर जमीन दे सकती थी। लेकिन उसने सरकारी भवन देकर नियम भी तोडे है और भ्रष्टाचार भी किया है। विद्रोही ने मांग की कि एक विकल्प संस्था से यह भवन तत्काल वापिस लिया जाये और इस बात की जांच हो कि एक सरकारी भवन को निजी संस्था को किसके कहने पर क्यों दिया गया और खेल में कितना लेन-देन हुआ?

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