मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीमों द्वारा 11 मई, 2023 को प्रदेश के 18 जिलों में स्थित 35 ट्रेनिंग पार्टनर्स का औचक निरीक्षण किया गया इन 35 ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा लगभग 6,500 युवकों को ट्रेनिंग दी जानी दर्शाई गई थी, परंतु वास्तव में केवल 1,200 युवा ही ट्रेनिंग सेंटर्स पर हाजिर पाए गए। 5 सेंटर्स, गुरुग्राम में 2, पानीपत, दादरी व यमुनानगर में एक-एक सेंटर्स पर ताला लगा पाया गया। चंडीगढ़, 12 मई – मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर चलते हुए मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने हरियाणा कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत विभिन्न जिलों में चल रहे ट्रेनिंग सेंटर्स का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता को हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत प्राईवेट ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण देने के संबंध में एक गुप्त सूचना मिली थी कि ये ट्रेनिंग पार्टनर्स उतने युवाओं को प्रशिक्षण नहीं दे रहे हैं, जितने इन्होंने सरकार को दर्शाएं हैं। इसके अतिरिक्त इन सेंटर्स पर ट्रेनिंग हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के न होने बारे भी शिकायत मिली थी। उक्त सूचना पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीमों द्वारा 11 मई, 2023 को प्रदेश के 18 जिलों में स्थित 35 ट्रेनिंग पार्टनर्स का औचक निरीक्षण किया गया। इन 35 ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा लगभग 6,500 युवकों को ट्रेनिंग दी जानी दर्शाई गई थी, परंतु वास्तव में केवल 1,200 युवा ही ट्रेनिंग सेंटर्स पर हाजिर पाए गए। कुछ सेंटर्स पर एक भी छात्र प्रशिक्षण लेता नहीं पाया गया तथा 5 सेंटर्स, गुरुग्राम में 2, पानीपत, दादरी व यमुनानगर में एक-एक सेंटर्स पर ताला लगा पाया गया। इन 35 ट्रेनिंग सेंटर्स पर 210 बैच चलने दर्शाए गए थे, परंतु वास्तव में केवल 95 बैच ही चलते पाए गए तथा इन बैच में भी उतने प्रशिक्षु नहीं पाए गए, जितने दर्शाए गए थे। प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत प्राईवेट ट्रेनिंग पार्टनर्स के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को सक्षम बनाने हेतु विभिन्न प्रकार के निःशुल्क ट्रेनिंग कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ट्रेनिंग पार्टनर्स को उनके द्वारा प्रशिक्षण दिए गए युवाओं के हिसाब से भुगतान करती है। नियमानुसार लगभग 150 का ट्रेनिंग स्टाफ उक्त सैन्टर्स पर होना चाहिए था, परन्तु केवल 60 का स्टाफ ही हाजिर पाया गया। अधिकतर सेंटर्स में जो ट्रेनिंग स्टाफ मौके पर हाजिर मिला, वे ऑनलाईन वैब साईट पर दी गई ट्रेनिंग स्टाफ की सूची से अलग थे। उनमें से कुछ के पास कोई ज्वाईनिंग लेटर भी नहीं पाया गया। अधिकतर सेंटर्स पर दर्शाए गए संसाधनों अनुसार संसाधन ही नहीं थे, जैसे सेंटर्स पर 10 कम्प्यूटर होने चाहिए थे, तो वहां केवल 1 या 2 कम्प्यूटर ही लगे मिले। कुछ सेंटर्स पर कोई भी अध्ययन सामाग्री, किताबे आदि नहीं पाई गई। अनेक सेंटर्स पर एचएसडीएम पोर्टल पर दर्शाए गए प्रशिक्षु वास्तव में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं से अलग मिले। काफी सेंटर्स पर या तो हाजिरी रजिस्टर ही नहीं पाए गए अथवा प्रशिक्षुओं की हाजरी रजिस्टर में दर्ज होनी नहीं पाई गई। Post navigation भविष्य में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा – जेपी दलाल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर अधिकारियों को निर्देश- सुधीर राजपाल