श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने लांच किया प्रोस्पेक्टस, 42 कोर्स के लिए 15 मई से शुरू होगी दाखिला प्रक्रिया।
दसवीं पास विद्यार्थियों के लिए भी कौशल शिक्षा में आगे बढ़ने के अवसर, अर्न वाइल लर्न और ऑन द जॉब ट्रेनिंग पर रहेगा फोकस।
नए परिसर में अत्याधुनिक लैब तैयार, इस साल कई अंतरराष्ट्रीय अनुबंध होंगे।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

गुरुग्राम : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि कौशल प्रदान करने का अभियान हमारे लिए राष्ट्रीय दायित्व है। प्रथम कौशल विश्वविद्यायल का यह देश हित में पुनीत संकल्प है। वे बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय का प्रोस्पेक्टस लॉन्च करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोस्पेक्टस लांच किया। इस बार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कुल 42 कोर्स के लिए दाखिला फार्म खोले हैं। 15 मई से पंजीकरण शुरू होंगे। ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को कौशल के साथ जोड़ने के उद्देश्य से दसवीं के बाद भी डिप्लोमा और डी. वॉक कोर्स शुरू किए गए हैं। इस सत्र में विद्यार्थियों को अर्न वाइल लर्न और ऑन द जॉब ट्रेनिंग के साथ और अधिक प्रभावी तरीके से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकेंगे। इसी सत्र में अत्याधुनिक तकनीक से लैस सिमुलेटर लैब, सोलर लैब और इलेक्ट्रिक लैब शुरू होंगी। जर्मन, जापानी और अंग्रेजी सहित कई भाषाई कोर्स आकर्षण होंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए इस साल विश्व स्तरीय खेल परिसर भी शुरू हो जाएगा। विश्वविद्यालय ने इसको ध्यान में रखते हुए योगा कोर्स को और अधिक प्रभावी बनाया है। उन्होंने कहा कि इस साल कुछ अंतरराष्ट्रीय अनुबंध भी होंगे, जिनके अंतर्गत विद्यार्थी विदेशों में भी जाकर डिग्री पूरी कर सकेंगे।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस मौके पर कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का युवाओं को कौशल के साथ जोड़ने के साथ-साथ देश के ग्रॉस इनरोलमेंट रेशो (जीइआर) में सुधार करना भी बड़ा लक्ष्य है। 10 वीं पास करते ही विद्यार्थी किस तरह से सीधे रोजगार के साथ जुडें और रोजगारपरक कोर्स के माध्यम से सीधा इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाएं, इस संकल्प के साथ हम काम कर रहे हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि बहुत कम फीस में विद्यार्थियों को पेशेवर कोर्स करवाना हमारा उद्देश्य है, ताकि कोई भी विद्यार्थी धन के अभाव में व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रह जाए। उन्होंने विद्यार्थियों से कुशल बनने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी पहल से ही ‘कौशल भारत-कुशल भारत’ का उद्देश्य सार्थक होगा। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि अब बैचलर ऑफ वोकेशन को अन्य स्नातकीय कोर्स के बराबर मान्यता मिल गई है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए दूसरे आयाम भी खुले हैं। नए कोर्स शुरू करने के लिए उन्होंने चारों फैकल्टी के अधिष्ठाताओं को बधाई दी।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ज्योति राणा ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्किल एजुकेशन के साथ जोड़ने के लक्ष्य पर हम आगे बढ़ रहे हैं। इसी उद्देश्य से इस बार कई नए स्किल कोर्स शुरू किए हैं। दसवीं कक्षा के बाद ही सीधे विद्यार्थी डिप्लोमा और डी. वॉक कर सकते हैं। इसके अलावा ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में भी नए कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कोर्स इंडस्ट्री के साथ संरेखित है। उन्हें उद्योग की जरूरतों के अनुसार और जॉब रोल के अनुरूप तैयार किया गया है।

कुलपति डॉ. राज नेहरू और डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ज्योति राणा ने प्रोस्पेक्टस तैयार करने वाली टीम डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. प्रीति, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. अंशिका, डॉ. मनी कंवर, डॉ. मोहित श्रीवास्तव और वेब एडमिनिस्ट्रेटर प्रवीण आर्य को बधाई दी।
इस अवसर पर डीन प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. ऋषिपाल, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. प्रिया सोमैया, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. सविता, डॉ. राज कुमार, विशेष कार्य अधिकारी संजीव तायल और सहायक कुल सचिव विनय सैनी भी उपस्थित थे।

प्रोस्पेक्टस लॉन्च करते श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू व अन्य शिक्षक और अधिकारी।

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