-कासन गांव में बाबा बिसाह पूर्ण भक्त (बाबा चौरंगी नाथ) मंदिर परिसर में लगाई त्रिवेणी-100 साल से अधिक समय से आस्था का केंद्र है कासन का यह मंदिर गुरुग्राम। पिछले 100 साल से भी अधिक समय से लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र कासन गांव में बाबा बिसाह पूर्ण भक्त (बाबा चौरंगी नाथ) मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण है। अरावली की गोद में बसे गांव कासन में इस मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है। गुरुवार को पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने मंदिर के प्रधान रामकिशन गुप्ता, महासचिव नरसिंह चौहान, कोषाध्यक्ष गिरीराज चौहान, महेश चौहान, नरेश शर्मा, हरियाली के लिए समर्पित नरेश बंसल, रामबाबू गुप्ता, भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गगन गोयल आदि की मौजूदगी में मंदिर परिसर में त्रिवेणी रोपित करके और भी हरियाली बढ़ाने का संदेश दिया। मंदिर में मत्था टेककर बाबा बिसाह पूर्ण भक्त से आशीर्वाद लेकर नवीन गोयल ने कहा कि प्रकृति का हर कदम पर ख्याल रखेंगे, तभी इसे ठीक रखने की बात बनेगी। आज के समय में हरियाली हमारा पहला कार्य होना चाहिए। जिस तरह से सुबह उठकर हम भगवान को सब मंगलमय होने की कामना करते हैं, उसी तरह से हमें सुबह उठकर पर्यावरण के लिए कुछ ना कुछ काम जरूर करना चाहिए। उन्होंने मंदिर परिसर और इसके आसपास हरियाली देखकर मंदिर कमेटी के प्रयासों की सराहना की। नवीन गोयल ने कहा कि ऐसे ही पर्यावरण पे्रमियों की समाज में जरूरत है, जो खुद से ही प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि आसपास के गांवों के लोग भी कासन के इन पर्यावरण के रखवालों से प्रेरणा लेकर अपने आसपास हरियाली बढ़ाएं, ताकि हम खराब पर्यावरण को सुधार सकें। लाला भूल्लन मल ने ग्रामीणों के सहयोग से बनवाया मंदिरपर्यावरण प्रेमी एवं गांव के पुराने निवासी नरेश बंसल ने बताया कि बाबा बिसाह पूर्ण भक्त 12वीं सदी में हुए हैं। वे कासन गांव में लंबे समय तक रहे। यहीं पर तप किया और यहीं पर देह त्यागी। उसी स्थल पर गांव के लोगों ने उनकी मंढी बनाई। करीब 60 साल पहले गांव के सरपंच एवं प्रधान रामकिशन गुप्ता के पिता लाला भूल्लन मल ने ग्रामीणों के सहयोग से यहां मंदिर का निर्माण कराया। यहां आने वाले हर भक्त को पूर्ण विश्वास है कि बाबा बिसाह पूर्ण भक्त की आत्मा यहां विराजमान है। वे भक्तों के दुख दूर करते हैं। प्राचीन काल से यहां मेला भी लगता है। नरेश बंसल के मुताबिक कासन गांव में बाबा बिसाह पूर्ण भक्त का मंदिर भारतभर में प्रसिद्ध है। श्री बाबा बिसाह मंदिर ट्रस्ट कासन इसकी देखरेख करती है। हर माह चौदस पर यहां मेला लगता है। सितंबर में भाद्रपद का वार्षिक मेला लगता है, उसमें 5-6 लाख लोग आते हैं। मंदिर का प्रांगण करीब 25 एकड में फैला है, जो कि अरावली पहाड़ी पर है। मंदिर में भंडारे पर डिस्पोजल का इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि स्टील की प्लेट में प्रसाद दिया जाता है। पॉलिथीन का उपयोग यहां वर्जित है। मंदिर ट्रस्ट का हरियाली बढ़ाने पर है जोरमंदिर व इसके आसपास हरियाली का काम संभालने वाले भक्त नरेश बंसल ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट का हरियाली रखने पर भी विशेष ध्यान है। पिछले 12 साल से मंदिर ने बहुत अधिक पौधे लगाए हैं। तीन साल में मंदिर ने इसी काम के लिए अलग से पूर्ण भक्त ग्रीन अरावली संस्था बनाई। संस्था ने दो साल में 48 जंगल लगाए हैं। हर जंगल में 190 से 220 पौधे के बीच में पौधे लगाए। अब तक करीब 10 हजार पौधे लगाए हैं। वन विभाग ने संस्था को सम्मानित भी किया है। उनका कहना है कि अरावली में मंदिर है तो अरावली की हरियाली महत्वपूर्ण है। गांव की जमीन पर बनेगा जंगल सफारीनरेश बंसल ने बताया कि कासन गांव की तरफ से आज से 10 साल पहले अपने गांव की 90 एकड़ जमीन सरकार को देने का अनुरोध करके जंगल सफारी या बायोडायर्सिटी पार्क बनाने के लिए कहा गया था। वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां पर 90 एकड़ का बायोडायवर्सिटी पार्क की घोषणा की है। उस पर काम हो रहा है। Post navigation केनरा बैंक और पूर्व सिंडीकेट बैंक के पेंशन धारियों ने अपने वरिष्ठ साथियों(75 वर्ष आयु पूर्ण) को सम्मानित किया बजरंग दल पर प्रतिबंध – कर्नाटक की सियासी जंग ………विनाश काले विपरीत बुद्धि – बोध राज सीकरी