रिश्वतखोरी के अलग-अलग मामलों में जज के रीडर सहित चार गिरफ्तार

चंडीगढ़, 18 अप्रैल – हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वतखोरी की चार अलग-अलग शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एक सहायक लाइनमैन (एएलएम), न्यायिक मजिस्ट्रेट के रीडर और  अहलमद  तथा कानूनगो (सेवानिवृत्त) सहित चार आरोपियों को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

 ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि आरोपियों को सोनीपत, फरीदाबाद और जींद जिलों से अरेस्ट किया गया है।

 एसीबी की टीम ने पहले मामले में सब डिवीजन बहालगढ़, सोनीपत में तैनात एएलएम लवकुश को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। गाँव पबसरा निवासी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी एएलएम ने औद्योगिक क्षेत्र, झूडपुर स्थित उसके प्लॉट में अस्थायी बिजली मीटर कनेक्शन लगाने की एवज में 25,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने छापेमारी कर आरोपी को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

एक अन्य मामले में एसीबी की टीम ने फरीदाबाद के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी) की अदालत में अहलमद के पद पर तैनात क्लर्क सुमित को शिकायतकर्ता से 3 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया।  आरोपित वाहन चालान का निबटारा करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत के बाद एसीबी की टीम ने रेड की और तीन हजार रुपये के साथ आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

प्रवक्ता ने बताया कि तीसरे मामले में एसीबी की टीम ने फरीदाबाद में जेएमआईसी कोर्ट में रीडर के पद पर तैनात क्लर्क हंसराज को 2 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए काबू किया। आरोपी हंसराज ने ट्रैफिक चालान के भुगतान की तारीख जल्दी देने की एवज में शिकायतकर्ता से 2000 रुपए की रिश्वत की मांग की थी ताकि जब्त वाहन को जल्द से जल्द छुड़वाया जा सके।
एक अन्य कार्रवाई में एसीबी की टीम ने रामदिया, कानूनगो (सेवानिवृत्त) को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। जींद के गांव कुचराना कलां के विक्रम ने एसीबी को दी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपी कानूनगो जमीन की खेवट अलग करने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा है। तथ्यों की जांच के बाद, एक टीम का गठन कर आरोपी को तहसील कार्यालय, अलेवा, जींद से रिश्वत की राशि की साथ गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये हैं और आगे की जांच जारी है।

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