डॉ. अमित चौधरी, अध्यक्ष, हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ

चंडीगढ़, दिनांक 18-04-2023 – हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ ने गैर-राज्य सिविल सेवा से आईएएस में चयन हेतु हरियाणा राज्य के महाविद्यालयों में कार्यरत्त एसोसिएट/असिस्टेंट प्रोफेसर (ग्रुप-ए अधिकारियों) को डिप्टी कलेक्टर के पद के समकक्ष मानने की मांग की है।

संघ प्रवक्ता डॉ. रविशंकर ने इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि, “संघ द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है कि एसोसिएट/सहायक प्रोफेसरों को डिप्टी कलेक्टर के पद के समकक्ष माना जाए। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, एचसीएस (कार्यकारी) और संबद्ध सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित और पत्र में वर्णित विभिन्न पदों पर पदोन्नत किए गए ग्रुप ए अधिकारियों को केवल राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर के पद के समकक्ष माना जाएगा।संघ इस पत्र को शिक्षक हित में नहीं मानता और इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री को संघ द्वारा आज अपनी आपत्ति दर्ज करवाई गई है I”

संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने कहा कि, “सरकार द्वारा जारी पत्र के अनुसार, गैर एससीएस श्रेणी से आईएएस में चयन पुलिस, वन और न्यायिक सेवाओं को छोड़कर हरियाणा सरकार के ग्रुप-ए अधिकारियों में से उनकी  असाधारण योग्यता और क्षमता के आधार पर किया जाएगा I स्पष्ट रूप से उपरोक्त पत्र भेदभावपूर्ण है। संघ की मांग है कि पुलिस, वन और न्यायिक सेवाओं को छोड़कर हरियाणा सरकार के विभागों के सभी ग्रुप-ए अधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर के पद के समकक्ष माना जाना चाहिए जो गैर एससीएस श्रेणी से आईएएस में चयन के लिए विचार करने के लिए एक शर्त हैI”

एसोसिएशन की महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान ने बताया कि, ”एचपीएससी द्वारा पहली बार वर्ष 2020 में मेरिट के आधार पर ग्रुप-ए के अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित किया गयाI आईएएस के 5 पदों हेतु शॉर्टलिस्ट किए गए 25 अधिकारियों में से 8 उच्च शिक्षा विभाग से थे। अंत में उनमें से दो का चयन भी किया गया। लेकिन दुर्भाग्य से, सरकार द्वारा जारी आदेश ने केवल राज्य सिविल सेवा और संबद्ध सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित कुछ अधिकारियों के लिए गैर एससीएस श्रेणी से आईएएस पद  पर नियुक्ति को आरक्षित कर किया है जोकि उच्च शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी क्षति हैI”

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