बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ करने की मुहिम ने लिया एक नया रंग – उनके पिछले तीन दिन से अस्वस्थ होने के कारण उनके शुभचिंतकों ने किया अपने-अपने तरीक़े से पाठ।

गुरुग्राम। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने और समाज को धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से एकजुट करने के लिए बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ करने की मुहिम ने एक नया रंग ले लिया है। बोधराज सीकरी थोड़ा अस्वस्थ होने के कारण एक सप्ताह का ब्रेक देना चाहते थे परंतु अचम्भा इस बात का है कि उनके शुभचिंतंकों ने अलग-अलग स्थान पर मिलकर छोटी-छोटी टोली में हनुमान चालीसा का पाठ किया, ताकि बोधराज सीकरी के संकल्प में कोई रुकावट न आए।

जिस स्थान पर बोधराज सीकरी रहते हैं, वहाँ मंगलवार 11 तारीख़ को प्रातः सात बजे 25 महिला और पुरुष फ़्लायर पार्क सुशांत लोक में स्नान आदि करके हनुमान चालीसा का ग्रंथ लेकर पहुँचे और सभी ने मिलकर सात-सात बार पाठ किया। जिसका संचालन उनके मित्र राजीव छाबड़ा ने किया।

इसी प्रकार जामपुर शिव मंदिर, ईस्ट ऑफ कैलाश, न्यू दिल्ली, जिसके बोधराज सीकरी प्रधान हैं, के लगभग 30 विप्र और अन्य लोगों ने मिलकर ग्यारह ग्यारह बार पाठ किया। जिसका संचालन पंडित श्याम और जामपुर बिरादरी के मंत्री एस.पी. नंगिया ने किया।

मदनपुरी हनुमान मंदिर की मैनेजमेंट ने भी शाम को 35 लोगों के साथ मिलकर सामूहिक पाठ किया। जिसका समन्वय राम लाल ग्रोवर ने किया। हनुमान मंदिर, मदनपुरी में राम लाल ग्रोवर, रमेश चुट्टानी, रवि मनोचा, लीला धर कालड़ा ,जय गोपाल, उमेश ग्रोवर, हरीश गाबा व स्त्री सभा ने भाग लिया एवं 351 बार हनुमान चालीसा का पाठ हुआ।

श्याम मंदिर में हनुमान चालीसा का 151 बार पाठ हुआ। श्याम मंदिर से रणधीर टंडन, अश्वनी वर्मा, मदन लाल सतीजा, राजीव सहगल, पं.भीम दत्त, पं.प्रेम शास्त्री व स्त्री सभा ने सहभागिता की। इसका समन्वय गजेंद्र गोसाई ने किया।

एक और बात अचंभे की है कि हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम का असर ऐसा हुआ कि आज दिनांक 12 अप्रैल को श्याम मंदिर में श्रीमती कांता बुधिराजा पत्नी स्वर्गीय तिरलोक बुधिराजा की पगड़ी रसम थी और परिवार ने प्रार्थना सभा के प्रारंभ में और अंत में हनुमान चालीसा का पाठ पठन किया। जिसमें लगभग 200 लोग उपस्थित थे और इस प्रकार चार सौ बार पाठ हुआ।

कुल 310 लोगों ने अलग-अलग छोटी टोली में पाँच अलग-अलग स्थान पर अपनी-अपनी उपस्थिति लगाई और सबने मिलकर लगभग 1424 बार पाठ किया।

यह है श्रद्धा का अनूठा उदाहरण कि किस प्रकार लोग मुहिम को गम्भीरता से ले रहे हैं। हिंदू जाग्रत हो रहा है। युवा संस्कारवान हो रहा है। हमारे ग्रन्थों की महत्वता का प्रभाव समाज पर पड़ रहा है। यही गिलहरी प्रयास रंग लाएगा।

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