चंडीगढ़, 8 अप्रैल- हरियाणा सरकार वर्ष 2023-24 में स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना (एसकेयूवाई) के प्रथम चरण के दौरान 8 जिलों के 20 चिन्हित अविकसित ब्लॉकों के विकास हेतु लगभग 77 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ये फंड चिन्हित किए गए ब्लॉकों में मौजूदा विकास कार्यों को पूरक और परिवर्तित करने हेतु वित्तीय संसाधनों के लिए प्रदान किए जा रहे हैं। इन 20 ब्लॉकों में लोहारू, बहल, सिवानी, कैरू बाढड़ा, गुहला, नूंह, पुन्हाना, तावडू, नगीना, फिरोजपुर झिरका, हथीन, मोरनी, पिंजौर, रायपुर रानी, बरवाला, रेवाड़ी, बावल, साढौरा और छछरौली शामिल हैं। मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना के तहत राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इस बजट को मंजूरी दी गई। श्री कौशल ने कहा कि योजना का उद्देश्य अविकसित ब्लॉकों को चिन्हित करने के अलावा स्थानीय बुनियादी ढांचे और विकास में अंतर को दूर करना है, जो मौजूदा योजनाओं के माध्यम से नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, अन्य योजनाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रमों और अन्य विभागों के साथ कौशल विकास डिजाइन एवं विपणन सहयोग के साथ आजीविका के अवसरों में सुधार करना भी इसके उद्देश्यों में शामिल है। इससे सामान्य मौजूदा योजनाओं में विशेष घटकों के माध्यम से इन चिन्हित ब्लॉकों के लिए पर्याप्त धन प्रवाह सुनिश्चित होगा। मुख्य सचिव ने स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना के समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को लक्ष्य का दायरा बढ़ाने और फील्ड अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि पहले चरण में अपनाए गए मापदंडों में भूमि सिंचित क्षेत्र, शिक्षित लोग, उच्च विद्यालय शिक्षा सुविधाओं वाले गाँव, स्वास्थ्य देखभाल सुविधायुक्त गाँव, महिला साक्षरता दर और स्कूलों में लड़कियों का नामांकन शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार पूर्व में अविकसित खण्डों के विकास हेतु पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत राशि उपलब्ध करवाती थी, जिसे बंद कर दिया गया। अब राज्य सरकार ने स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना के तहत स्टेट फंड से अविकसित ब्लॉक को विकसित करने की पहल की है।बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी अनुपमा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation कछुए की गति से हो रहा है ख़राब फसल की गिरदावरी का काम : डॉ. सुशील गुप्ता एनसीईआरटी की डुप्लीकेट पुस्तके : छोटी मछलियों की धर-पकड़ करके बडे मगरमच्छों को बचाया जा रहा : विद्रोही