अशोक कुमार कौशिक 

हम सभी जानते हैं कि हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं। फिर उनकी पत्नी के साथ पूजा कैसे की जाती है? स्वाभाविक है कि यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा होगा। लेकिन जितना सच है कि वह ब्रह्मचारी थे, उतना ही सच यह भी है कि वह शादीशुदा थे। हनुमानजी का विवाह हो गया था। सुनने में कुछ अजीब लग सकता है। लेकिन पराशर संहिता में एक संबंधित कहानी मिलती है।

यहां जानिए उनकी शादी की कहानी

पराशर संहिता के अनुसार जब हनुमानजी सूर्यदेव के पास शिक्षा के लिए गए तो उन्होंने उन्हें 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान तो दिया लेकिन 4 विद्याओं का ज्ञान नहीं दिया। हनुमानजी के पूछने पर सूर्यदेव ने कहा कि इन चारों विद्याओं का दिव्य ज्ञान केवल उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता है जो विवाहित हों। तब सूर्यदेव के समझाने पर हनुमानजी विवाह के लिए राजी हो गए।

कौन हैं हनुमानजी की पत्नी?

जब हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी तो प्रश्न उठा कि उनके लिए सही कन्या कौन हो सकती है? तब भगवान सूर्यदेव ने अपनी पुत्री सुवर्चना के विवाह का प्रस्ताव हनुमानजी के सामने रखा। सुवर्चला एक महान तपस्वी थीं। सूर्यदेव ने हनुमानजी से यह भी कहा कि विवाह के शुभ मुहूर्त के बाद उनकी पुत्री पुनः तपस्या में लीन होगी और आप ब्रह्मचारी रहेंगे। ऐसा ही हुआ और विवाह के बाद सूर्यदेव ने हनुमानजी को शेष चार विद्याओं का ज्ञान भी प्रदान किया।

हनुमानजी और सुवर्चला का मंदिर कहां स्थित है?

हनुमानजी का उनकी पत्नी के साथ एकमात्र मंदिर तेलंगाना राज्य के खम्मम जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जहां सैकड़ों वर्षों से हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस मूर्ति के दर्शन कर लेता है उसके वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

पहुंचने के लिए कैसे करें

खम्मम से 99 किमी. निकटतम हवाई अड्डा विजयवाड़ा है। खम्मम तक हवाई, रेल या सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। खम्मम से देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं। खम्मम सड़क मार्ग से कई अन्य शहरों से भी जुड़ा हुआ है।

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