गुडग़ांव, 4 अप्रैल (अशोक) : पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजेश भारद्वाज के न्यायालय ने अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को नाबालिग मानते हुए जमानत दे दी है। हालांकि इससे पूर्व जुवेनाइल अदालत ने आरोपी को बालिग मानते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

आरोपी के अधिवक्ता अभिषेक जिंदल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 की 17 मार्च को जिले के बादशाहपुर पुलिस थाना में एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री दुकान से सामान लेने गई थी और वह वापिस नहीं आई। थाना पुलिस ने भादंस की धारा 6, 8, 363, 366, 328, 506, 34 व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर नाबालिगा की तलाश शुरु कर दी थी और उसे दिल्ली से बरामद भी कर लिया गया था। पुलिस ने उसका मेडिकल कराया था और मेडिकल के आधार पर ही इस मामले में दुष्कर्म की धारा 376 भी जोड़ दी गई थी। आरोपी को 2 माह बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

आरोपी ने अदालत में दस्तावेज पेश कर कहा कि वह नाबालिग है और उसका मामला नाबालिग आरोपी की तरह ही चलना चाहिए, लेकिन जुवेनाइल कोर्ट ने आरोपी को बालिग मानकर केस चलाने के आदेश दिए थे और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अधिवक्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई और न्यायालय के समक्ष तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिस पर माननीय न्यायालय ने आरोपी को नाबालिग मानते हुए उसकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।

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