भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। पिछले काफी समय से सरकार ने अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का निर्णय कर रखा है और जो स्कूल वालों को सूचित भी किया हुआ है लेकिन आम जनता इससे अंजान है। 

आज स्कूल शिक्षा निदेशालय पंचकूला  के आदेश अनुसार रोहतक के जिला शिक्षा अधिकारी ने उपायुक्त महोदय को सूचित किया है कि नए सत्र में किसी भी अस्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालय में नए दाखिले मान्य नहीं होंगे और साथ ही यह भी कहा गया कि इस आदेश की पालना सख्ताई से कराई जाए।

गुरुग्राम में भी यही आदेश जारी होंगे। अत: हमारी अभिभावकों को सलाह है कि वे नए सत्र में अपने बच्चे का दाखिला कराते समय यह अवश्य देख लें कि वह स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं, क्योंकि यदि बच्चे एक वर्ष बर्बाद होता है तो वह उसके भविष्य पर बड़ा असर डालता है। 

वैसे तो हरियाणा सरकार, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से यह बात अभिभावकों को बहुत समय पूर्व बता देनी चाहिए कि ये स्कूल अगले सत्र से बंद होने हैं। अब अभिभावकों को बड़ी समस्या होगी, क्योंकि बहुत बच्चे ऐसे स्कूलों में अध्यन कर रहे हैं। अब उन्हें दूसरे स्कूलों में दाखिला मिलेगा या नहीं या फिर उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत है कि नहीं कि वे महंगे स्कूल में दाखिला करा सकें।

तात्पर्य यह है कि अभिभावकों को ऐसे समय में बच्चों के भविष्य के लिए बहुत विचार करना पड़ेगा। प्रश्न प्राइवेट स्कूलों का भी है। अनेकों की आजीविका का साधन भी वही है। उनमें अनेक अध्यापक भी कार्य करते हैं। उनके रोजगार का क्या होगा।

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