-रणदीप ने पूछा, सीएम के पास कौन सी 50 फ़ीसदी विधानसभा सीट या वोट हैं, जो युवाओं पर इतने अंकों की शर्त थोपी
-बोले पुलिस कांस्टेबल भर्ती समेत लाखों चयनित युवा भुगत रहे सरकार के कुकर्मों की सज़ा

चंडीगढ़ 17 मार्च, 2023 -प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और भर्तियों में सरकार की नीति तथा नियत को लेकर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लाखों बेरोज़गारों का शोषण व उत्पीडन तत्काल बंद करने को कहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार की गलत नीतियों ने देश के सबसे प्रगतिशील और खुशहाल प्रदेश को बर्बाद करते हुए बेरोज़गारी का हब बना दिया है। हरियाणा जैसा खुशहाल प्रदेश खट्टर साहब के नेतृत्व में कई वर्षों से लगातार देश मे बेरोजगारी दर में नम्बर वन बना हुआ है लेकिन,उनकी सरकार इस समस्या का समाधान करने की बजाय अपनी तुगलकी नीतियों के सहारे इसे और भी जटिल बना रही है।

रणदीप ने कहा कि खट्टर सरकार ने पुरानी परंपरा को क़ायम रखते हुए पुलिस कांस्टेबल की भर्ती का भी मज़ाक बनाकर रख दिया। जो चयनित युवा हैं उनमें से आधे जॉइन करवा दिए और आधे लटका दिए। जो जॉइन कर चुके हैं वो इस चिंता में हैं कि नौकरी रहेगी या जाएगी और जो जॉइन नही करवाए गए वो इस फिक्र में हैं कि पता नही जॉइनिंग हो पाएगी या नहीं?

सुरजेवाला ने कहा कि परेशान केवल चयनित युवा ही नही हैं। जो युवा लिस्ट में जगह नही बना पाए वो बेचारे कोर्ट की धूल फांक रहे हैं।

इन सभी युवाओं की परेशानी की जड़ में खट्टर सरकार और इनके कर्मचारी चयन आयोग के कारनामे हैं। पुलिस कांस्टेबल की ये भर्ती 2019 में पहली बार विज्ञापित हुई थी। 2021 में इस भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई लेकिन हर बार की तरह पर्चा लीक कर दिया गया। पर्चा लीक प्रकरण में जांच का ड्रामा किया गया और जांच बिना किसी ठोस कार्रवाई के ठंडे बस्ते में चली गई। 

2022 में दुबारा परीक्षा लेकर येन केन प्रकारेण ये भर्ती निबटाई गई। तीन दिन परीक्षा चली। किसी शिफ्ट में पेपर आसान दे दिया और किसी मे ऐसा दे दिया कि इनके अफसर भी पास ना कर पाएं। उसके बाद कर्मचारी चयन आयोग वाले बोले कि हम नॉर्मलाइजेशन करेंगे। वो नॉर्मलाइजेशन ऐसा कर दिया कि ना वो इन कमीशन वालों को समझ आ रहा और ना ये माननीय न्यायालय को समझा पा रहे।

रणदीप ने आरोप लगाया कि एक ही शिफ्ट में पेपर देकर बराबर अंक लेने वालों के भी नॉर्मलाइजेशन के बाद अलग-अलग नम्बर बना दिए। इसका नतीजा ये हुआ कि पिछले 9 महीने से ये भर्ती कोर्ट में लटकी हुई है और युवाओं का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है।

उन्होंने पूछा कि खट्टर सरकार बताए कि युवाओं की इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है ? इनकी गलत नीतियों का परिणाम सिर्फ इसी भर्ती में युवाओं ने भुगता हो ऐसा नहीं है। पुलिस की पिछली भर्ती में भी अनियमितताओं को लेकर कुछ युवा कोर्ट गए थे। उन युवाओं को सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 अंक कम दिए गए थे। ये युवा कोर्ट में अपना अधिकार मांग रहे थे और खट्टर सरकार ने उन चयनित युवाओं को ही हटाने का फरमान सुना दिया जो पिछले साढ़े चार साल से पुलिस महकमे को अपनी सेवाएं दे रहे थे।

रणदीप ने कहा कि पहले तो खट्टर सरकार पिछली सरकारों द्वारा भर्ती किए गए युवाओं की ही नौकरी खा रही थी अब तो खुद के लगाए हुए भी हटाने लगे।

उन्होंने कहा कि सीईटी की परीक्षा के नाम पर इन्होंने एक अलग ही खिचड़ी पका डाली। 5 साल से सारी भर्तियां बन्द करके सीईटी का गीत गा रहे थे। प्रदेश की जनता को ऐसे सपने दिखाए गए कि सीईटी की परीक्षा होते ही प्रदेश से बेरोजगारी खत्म हो जाएगी। हुआ इसके उलट।

साढ़े सात लाख युवाओं ने सीईटी की परीक्षा दी। उनमें से साढ़े तीन लाख युवा पहली परीक्षा में पास हो गए। सरकार ने जो तथाकथित 30 हज़ार पदों की भर्ती के सब्जबाग दिखाए हैं उनमें से 20 हज़ार से ज्यादा पद तो तकनीकी पद हैं जिनमे किसी विशेष डिप्लोमा या तकनीकी कौशल की ज़रूरत है। उसके लिए किसी सीईटी की आवश्यकता ही नही थी। सीधे विज्ञप्ति दी जाती और फटाफट भर्ती हो जाती लेकिन, सरकारी की नीयत युवाओं को रोजगार देने की बजाय भर्तियों को चुनाव तक खींचकर ले जाने की है ताकि इन भर्तियों पर राजनीति की जा सके।

सीईटी पास करने वाले साढ़े तीन लाख युवाओं में से अधिकतर नॉन टेक्निकल योग्यता वाले हैं जिनके लिए कुल रिक्तियां दस हज़ार से भी कम हैं। अब सरकार कह रही है कि भर्ती के अगले चरण के लिए रिक्तियों के सिर्फ चार गुणा युवाओं को ही मौका दिया जाएगा यानी नॉन टेक्निकल योग्यता वाले ढाई-तीन लाख युवाओं में से केवल 35-40 हज़ार युवाओं को ही  भर्ती के अगले चरण में भाग लेने दिया जाएगा। 

उन्होंने पूछा कि खट्टर साहब जवाब दें कि बाकी युवा कहां जाएंगे? यदि इन युवाओं को अगली परीक्षा में बैठने ही नही देना था तो इनको क्वालिफाइड दिखाकर मज़ाक क्यों बनाया गया?

प्रदेश बेरोजगारी में शीर्ष पर है और सरकार लिखित परीक्षा में 50% अंकों की बेतुकी शर्त थोपकर प्रदेश के युवाओं को नौकरी से वंचित कर रही है। सरकार की इस तुगलकी नीति के कारण या तो अधिकतर पद रिक्त जा रहे हैं या उन पर प्रदेश से बाहर के युवा लग रहे हैं। खट्टर सरकार खुद अपना रिपोर्ट कार्ड चेक कर ले। सुरजेवाला ने कहा कि जब खट्टर साहब खुद ही जनता से 50% सीट और वोट हासिल नही कर पाए तो युवाओं को 50% अंकों की शर्त लगाकर बेरोजगार क्यों रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि खट्टर साहब को पता नही है कि यूपीएससी समेत देश की जितनी भी प्रतिष्ठित परीक्षाएं हैं उनमें से किसी मे भी इस तरह की अव्यवहारिक शर्त नही लगाई जाती।

 खट्टर साहब जिस अफसरशाही के हाथों में खेल रहे हैं वो अफसरशाही यूपीएससी की जिस भर्ती परीक्षा से आती है उसका टॉपर 53-54% का होता है। आईआईटी में 33% सवाल हल करने पर दाखिला हो जाता है और खट्टर साहब क्लर्क-चौकीदार भर्ती करने के लिए 50% अंक मांग रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की ओर से सरकार को चेताती हुए उन्होंने कहा कि है कि युवाओं का शोषण और घोटालेबाजी तुरन्त बन्द करके साफ-सुथरी भर्तियां की जाएं, पुलिस भर्ती को न्यायालय में चुनौती देने वाले युवाओं को संतुष्ट करके इस भर्ती में बचे हुए उम्मीदवारों की शीघ्र जॉइनिंग करवाई जाए, सीईटी परीक्षा के अगले चरण में सभी क्वालिफाइड युवाओं को अवसर दिया जाए तथा लिखित परीक्षा में 50% अंकों की तुगलकी शर्त तुरंत वापिस ली जाए। रणदीप ने चेतावनी दी कि अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रदेश के लाखों युवा भाजपा-मोदी व खट्टर की ईंट से ईंट बजाने का फ़ैसला कर चुके हैं।

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