तीन संस्थाओं ने मिलकर मनायी सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि

-उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए किया गया प्रेरित

गुरुग्राम। मानवता स्वास्थ्य शिक्षा फाउंडेशन, एक कदम मानवता की ओर तथा सारथी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही गई। 

इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षिकाओं विजय लक्ष्मी, पुष्पा धनखड़, स्वराज सागर, डोली भाटिया, मधु गुप्ता, पुष्पा यादव, रीटा अय्यर व राज रानी, कुसुमलता को बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। 

इस कार्यक्रम में मानवता स्वास्थ्य शिक्षा फाउंडेशन से पंकज रोहिल्ला, कविता सरकार, अशोक रोहिल्ला, एक कदम मानवता की ओर संस्था से अन्नु यादव, डा. विक्रम शर्मा तथा सारथी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से राज करन, शालिनी खंडेलवाल का विशेष सहयोग रहा।

कार्यक्रम में पंकज रोहिल्ला ने कहा कि एक पुरुष के जीवन में एक महिला मां, बेटी, पत्नी के रूप में रहती है। मां का सबसे बड़ा दर्जा होता है। क्योंकि हर पुरुष को पैदा करने वाली भी एक मां ही होती है। उन्होंने कहा कि माता सावित्री बाई फुले ने जीवन में कष्ट सहकर भी शिक्षा की अलख जगाई, इसलिए उनको सबका नमन है।  

अन्नु यादव ने कहा कि महिलाओं के कारण आज हमारे देश की सीमाएं भी सुरक्षित हैं। आसमान में भी महिलाएं अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। देश के भीतर रहकर भी तरह-तरह से महिलाएं अपना योगदान समाज को दे रही हैं। 

कविता सरकार ने कहा कि महिलाएं जीवन में अनेक बाधाएं आने के बाद भी डटीं रहती हैं। महिलाओं को किसी भी तरह से कम नहीं आंका जाना चाहिए। महिला अपने में आप में एक मजबूत शक्ति है।

शालिनी खंडेलवाल ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले का जीवन अपने आप में एक प्रेरणा है। बेटियों को शिक्षा का श्रेय उन्हीं को जाता है।

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