गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : गुरुग्राम पुलिस ने वरिष्ठ आईएएस से फोन पर सेटलमेंट के नाम पर 5 करोड़ की राशि मांगने वाले आरोपी को राजस्थान से पकड़ा है। जानकारी के अनुसार आरोपी ने शराब के नशे में धुत होकर IAS अनीता यादव से 5 करोड़ की मांग की थी। जो कि मामला करप्शन ब्यूरो में सेटल कराने के नाम पर था। आरोपी को शुक्रवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

एंटी करप्शन ब्यूरो में IAS के खिलाफ चल रहे मामले को सेटल कराने के नाम पर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने वाले आरोपी रिशि को पुलिस ने उदयपुर से काबू कर लाया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए गुड़गांव पुलिस ने टीम गठित कर फोन की लोकेशन के हिसाब से राजस्थान के उदयपुर शहर में गई थी। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे IAS अनीता यादव के खिलाफ चल रहे इस मामले की जानकारी इंटरनेट से लगी थी। उसने इंटरनेट पर यादव का नंबर ढूंढा और व्हाट्सएप कॉल करके एंटी करप्शन ब्यूरो में चल रही जांच में क्लीन चिट दिलाने की बात कही थी। आरोपी ने बताया कि उसने शराब के नशे में मामला सेटल कराने के लिए पैसा पांच कहा था जिसे IAS ने पांच करोड़ बना दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। और आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की मांग करेगी। बता दें कि IAS अनीता यादव ने बताया पुलिस को बताया था कि उन्हें 3 मार्च को फोन आया था। फोन करने वाले ने अपना नाम रिशि बताया और उनसे 5 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी।

उन्होंने बताया कि फोन करने वाले ने कहा था कि वह एंटी करप्शन ब्यूरो से उसे मामले में क्लीन चिट दिला देगा। पहले तो उन्होंने उसे इग्नोर कर दिया, लेकिन 4 मार्च को दोबारा कॉल आई और कहा कि उसे एक वरिष्ठ नेता ने मामले को सेटल कराने के लिए कहा है। ऐसे में वह 5 करोड़ रुपए लेकर इस मामले को सेटल करा देगा। इस पर उन्होंने इस कॉल को रिकॉर्ड कर लिया और पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया था। जिसकी शिकायत प्रदेश के गृह मंत्री को भी अधिकारी ने भेजी थी। अब देखना यह होगा कि इस मामले में कितनी सच्चाई है। जबकि जिस जांच के नाम पर यह पैसे की मांग की गई थी उसमें अन्य 2 अधिकारी और भी शामिल है। जिनसे पूछताछ के लिए ब्यूरो ने प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी।

हालांकि ब्यूरो के पास इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं चाहे वह फरीदाबाद का हो चाहे करनाल का न्यूरो एक दफा दो अपनी जांच को सिरे चढ़ाती है लेकिन फिर भी मिलीभगत और राजनीतिक दबाव के कारण जांच फाइलों में ही दबकर रह जाती है। सूत्रों से प्रशासन में यह भी चर्चा है कि इस समय गुरुग्राम में नगर निगम, जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग ,b&r ,आरटीओ, एचएसवीपी, एक्साइज विभाग ऐसे प्रमुख विभाग हैं जिनमें काफी भ्रष्ट अधिकारी तैनात हैं,जिनको प्रदेश सरकार कई दफा सस्पेंड भी कर चुकी है, लेकिन अपनी राजनीतिक रसूख के कारण फिर भी वह शहर में बैठे जमकर मलाई खा रहे हैं।

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