विकास परियोजनाओं, धार्मिक पर्यटन, राजनीति पर हुई चर्चा।
30 साल बाद रामलला के दर्शन, संघर्ष के दिन याद आए।
1991 और 1992 में लिया था आंदोलन में भाग, जेल भी काटी थी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़, 2 मार्च : हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बुधवार रात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह मुलाकात लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री योगी के आवास पर हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विकास परियोजनाओं, धार्मिक पर्यटन, राजनीतिक विषयों पर गंभीर चर्चा हुई। लखनऊ पहुचंने पर उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश माहना और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता का स्वागत किया।

इससे पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रयागराज पहुंच त्रिवेणी संगम पर स्नान किया। अपनी इस यात्रा के दौरान गुप्ता ने अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंच बाबा विश्वनाथ के भी दर्शन किए। गुप्ता ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके लिए उन्होंने योगी आदित्य नाथ को बधाई भी दी।

गौरतलब है कि ज्ञान चंद गुप्ता 30 साल बाद अयोध्या पहुंचे। इससे पहले उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन में भाग लेते हुए 1991 और 1992 में रामलला के दर्शन किए थे। 1991 में आंदोलन में भाग लेते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद उन्होंने 10 दिन आगरा की सेंट्रल जेल में बिताने पड़े थे। इसके बाद 1992 में भी उन्होंने आंदोलन में बढ़चढ़ भाग लिया था। इस दौरान वे 6 दिसंबर की घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे।

इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से पंजाब की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पंजाब देश का महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य होने के साथ-साथ कृषि, उद्योग और महान सांस्कृतिक विरासत वाला प्रदेश है। पंजाब में कानून व्यवस्था और शांति यहां के विकास के लिए अनिवार्य है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को उत्तर प्रदेश में चल रही ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना के बारे में जानकारी दी। गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में भी ‘एक ब्लॉक-एक उत्पाद’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 143 खंडों में 4000 एकड़ भूमि पर उत्पाद या सेवा विशेष के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य भर में भूमि पार्सल की पहचान कर ली गई है। इससे 10 हजार से ज्यादा इंटरप्रन्योरशिप स्थापित होंगे। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से 25 हजार करोड़ से 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो सकेगा तथा इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 3 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

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