3 साल से रुका है काम, कर्मिक अनशन शुरू करने का फैसला

दाह संस्कार के लिए रेलवे लाइन पार करनी पड़ती है

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। मंडी अटेली कस्बा में ओवरब्रिज के नजदीक अंडरपास के निर्माण की मांग को लेकर मंगलवार को एक महापंचायत हुई, जिसकी अध्यक्षता डॉ राजेंद्र ने की। महापंचायत में मंडी अटेली कस्बा व गांव तोबड़ा के अलावा अनेक गांव के ग्रामीण शामिल हुए। निर्णय लिया गया कि जब तक अंडरपास का निर्माण नहीं हो जाता जब तक धरने पर बैठे लोग क्रमिक अनशन करेंगे तथा अपना आंदोलन ओर तेज करेंगे।

मंडी अटेली में बने हुए रेलवे ओवर ब्रिज के पास अंडरपास नहीं होने के कारण कस्बा वासियों को काफी परेशानी हो रही है ।अटेली कस्बा के बहरोड़ रोड पर रेलवे ओवरब्रिज बना हुआ है। इसके नीचे से तीन रेलवे लाइन जाती हैं। जिसमें से एक मुख्य लाइन के अलावा 2 लाइनें कारीडोर की है। जो माल गाड़ियों के आवागमन के काम में आती हैं।

ओवरब्रिज के नीचे दोनों और काफी बस्तियां बनी हुई है तथा ब्रिज की लंबाई ज्यादा होने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। साथ लगते गांव तोबड़ा का श्मशान रेलवे लाइन पार करके है। जब भी किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो दाह संस्कार के लिए जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करके जाना पड़ता है। यहां के लोगों ने अंडरपास बनाने की मांग की थी। लेकिन लंबे समय से उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पाई । जिसके चलते यहां के लोगों को रोजाना जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार कर आना जाना पड़ता है।

यहां के लोगों ने रेलवे अंडरपास बनाने के लिए आंदोलन शुरू कर रखा है। जिसके चलते लोग करीब एक माह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। यहां के लोगों ने बताया कि वह 3 साल से समस्या उठा रहे हैं लेकिन रेलवे विभाग और कारीडोर अधिकारी इस समस्या को दरकिनार कर रहे हैं। इससे पूर्व धरने पर बैठे लोगों के बीच आकर बसपा नेता ठाकुर अतर लाल ने आकर अपना समर्थन देते हुए मांग को उचित ठहराया था।

धरनारत लोगों ने बताया कि इस समस्या के बारे में उन्होंने रेलवे के उच्चाधिकारियों, सांसद व विधायक को भी अवगत करवा दिया है। स्टेशन मास्टर को भी कई बार ज्ञापन दिया है लेकिन इसके बावजूद अंडर पास नहीं बन रहा। अंडर पास के लिए 3 साल से काम पेंडिंग पड़ा हुआ है। अभी पिछले दिनों उनके धरने पर पूर्व हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष संतोष यादव ने आकर शीघ्र अंडरपास बनाने का आश्वासन दिया था। इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री भुपेंद्र यादव से मिलकर पूरी समस्या के बारे में विस्तार से बताया था। भूपेंद्र यादव ने रेल मंत्री से मिलकर इसे शीघ्र बनवाने का आश्वासन दिया था।

महापंचायत को पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह, मामचंद, हजारीलाल, राजेंद्र, घनश्याम, नरेंद्र शर्मा, मैनपाल, कैलाश, प्रकाश, जगराम, धन्नाराम, देशराज, भागीरथ, मुकेश, नीरज कौशिक, बाबूलाल और राजपाल यादव सहित अनेक लोगों ने संबोधित करके संघर्ष में अपने योगदान देने का वचन दिया।

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