अधिनियम के निर्धारित नियमों के तहत सभी संस्थान
अपने यहां आंतरिक समिति (आईसी) गठित करना सुनिश्चित करें: विश्राम कुमार मीणा, एडीसी गुरुग्राम

गुरुग्राम, 17 फरवरी। एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि प्रत्येक महिला को यह अधिकार है कि वह कार्यस्थल पर अपने सम्मान व स्वाभिमान के साथ काम कर सकें। इसलिए हर संस्थान का यह उत्तरदायित्व है कि वहां कार्यरत महिलाओं को अच्छा व स्वस्थ माहौल उपलब्ध करवाया जाए। एडीसी श्री मीणा विकास सदन स्थित अपने कार्यालय में यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम-2013 के तहत जिला स्तर पर गठित स्थानीय समिति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

एडीसी ने कहा कि यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम 2013 महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करता है । ऐसे में जरूरी है कि सभी संस्थान इस अधिनियम के निर्धारित नियमों के तहत अपने यहां आंतरिक समिति (आईसी) गठित करना सुनिश्चित करें । इसके अलावा दस या दस से अधिक संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थान आईसी की वार्षिक रिपोर्ट ई मेल पता [email protected] पर अपनी अधिकारिक मेल से भिजवाना सुनिश्चित करें। एडीसी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अधिनियम है जिसका उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर अच्छा व सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाना है ताकि वे आत्मसम्मान के साथ नौकरी कर सकें और कार्यस्थल पर अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहें। ऐसे में जरूरी है कि सभी सरकारी विभाग अधिनियम कि अनुपालना करें और अधिनियम पर अधिक सक्रियता से काम करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे संस्थान जहां पर महिला कर्मचारी हो या ना हो , वहां पर भी आईसी गठित होनी अनिवार्य है। वही दस से कम कर्मचारी वाले संस्थानों की महिलाएं जिला स्तर पर गठित लोकल कमेटी (एलसी) में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है । जिला स्तर पर गठित स्थानीय समिति द्वारा शिकायतों का निपटान अधिनियम के अनुसार किया जाता है।

एडीसी ने बताया कि स्थानीय समिति द्वारा सौ से भी अधिक शिकायतों का निपटान किया जा चुका है। जिसमें स्थानीय समिति द्वारा शिकायत की जांच रिपोर्ट में प्रतिवादी पर साठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

समिति के निर्देशों के तहत प्रतिवादी द्वारा समयविधि में शिकायतकर्ता को जुर्माना दिया गया।

एडीसी ने कहा कि कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत उसके साथ हुए दुर्व्यवहार के तीन महीनों के भीतर लिखित रूप में दर्ज करवा सकती है। इसके बाद उसे शिकायत देरी से देने का कारण बताना होगा। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत यदि महिला कर्मचारी की शिकायत संस्थान के मालिक के खिलाफ हो तो भी वह अपनी शिकायत विकास सदन स्थित जिला की लोकल कमेटी कार्यालय में भेज सकती है।

बैठक में लोकल कमेटी की चेयरपर्सन ज्योति ग्रोवर, कमेटी के सदस्य मेघना घई, गीता खत्री, जयंत बक्शी सहित असिस्टेंट मित्तल भी उपस्थित रही।

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