मलाई वाले विभाग के अफसर की ट्रांसफर क्यों नहीं ?
हरियाणा के इस धनाढ्य हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम में जितनी मलाई है उतनी कहीं नहीं अगर ऐसे विभाग में एक ही अधिकारी सालों से मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हो तो आप समझ सकते है माजरा क्या है?
ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरुग्राम: हरियाणा सरकार में जहाँ खेमका जैसे अधिकारीयों की हर छह बाद ट्रांसफर कर दी जाती है वही हरियाणा का एक ऐसा विभाग है जो हरियाणा के बनते ही 1967 में बना और सबसे ज्यादा क्रीमी (मलाई वाला) है. हरियाणा के इस धनाढ्य हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम में जितनी मलाई है उतनी कहीं नहीं. अगर ऐसे विभाग में एक ही अधिकारी सालों से मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हो तो आप समझ सकते है माजरा क्या है?
कोई भी अधिकारी ऐसे में तानाशाह बन जायेगा और ऐसा ही हो रहा है. एक अधिकारी की मर्जी से चल रहा है हरियाणा का ये विभाग. यहाँ के अधिकारी फ़ोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझते, न ही ऑफिसियल नंबर पर बात करते. इस बात का अंदाजा हम पिछले डेढ़ साल में हुई हरियाणा के आईएएस अफसरों की ट्रांसफर से लगा सकते है जहां पिछले डेढ़ साल में हरियाणा के लगभग हर अधिकारी की ट्रांसफर कर दी गयी मगर हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम के डायरेक्टर की नहीं.
विभाग में हज़ारों फाइल्स रुकी पड़ी है, लगभग सभी पर डिस्कस्शन की नोटिंग जारी की जा रही है वो काम चाहे विभाग द्वारा प्लाट अलोटमेंट्स का हो या नयी भर्ती से जुड़े मामलों का. आम आदमी और विभाग के कर्मचारी परेशान है. मगर हरियाणा सरकार पता नहीं इनकी ट्रांसफर क्यों नहीं कर रही?अगर बाकी अधिकारी बदले जा रहे है तो इनको क्यों नहीं? हरियाणा सरकार ऐसे मामलों में अपने रूल्स और स्थिति क्यों जनता के सामने नहीं रख रही? खासकर उस अधिकारी को क्यों नहीं बदला जा रहा जिसके खिलाफ हज़ारों शिकायतें आये रोज सुनने को मिल रही है?