राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के 56वें वार्षिक सम्मेलन ‘यूजिकॉन-23’ को किया सम्बोधित
राज्यपाल ने की आयुष्मान भारत और चिरायु हरियाणा कार्यक्रम की प्रशंसा

गुरुग्राम, 02 फरवरी। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने चिकित्सा जगत से डायलिसिस से जुड़ी तकनीकों को कम लागत व सुरक्षित बनाने का आग्रह किया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे शहरों तक में लोगों को इसका लाभ आसानी से मिल सके। इसके साथ ही ऑर्गन डोनेशन के प्रति जन जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए। जिससे समय पर ऑर्गन मिलने पर कीमती जीवन को बचाया जा सके। इस बात को हमेशा ध्यान रखना होगा कि हमारी समाज के प्रति सामाजिक व नैतिक दायित्व होता है। राज्यपाल वीरवार की सांय गुरुग्राम के ए डॉट कन्वेंशन सेंटर में यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के 56वें वार्षिक सम्मेलन ‘यूजिकॉन-23 में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

इससे पहले राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न तकनीकों के माध्यम से उपचार की विधियों में व्यापक बदलाव हुए हैं। ऐसे में लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए भारत तेजी से नवाचारों और सर्वोत्तम तकनीकों को अपना रहा है। उन्होंने कहा कि अब सर्जरी कम साइड इफेक्ट के साथ ज्यादा सटीक हो गई है। आज भारत के हर बड़े सरकारी और निजी अस्पताल में रोबोटिक सुविधा है, जिसका लाभ समाज के सभी वर्गों के रोगियों को मिलता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में निरन्तर सुधारीकरण की ओर अग्रसर हमारे देश के केंद्रीय बजट -2023 में, स्वास्थ्य क्षेत्र को लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 89,155 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आयुष्मान भारत योजना आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बन गई है। इसी क्रम में हरियाणा प्रदेश ने भी एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाकर चिरायु योजना (आयुष्मान भारत) की शुरूआत कर आज एक लाख 80 हजार रुपये की वार्षिक आय सीमा वाले करीब 29 लाख परिवारों को लाभान्वित किया है।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे समाज में डॉक्टरों का एक विशेष स्थान है। वे लोगों की नजर में भगवान से कम नहीं हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान संकट में फंसे लोगों की सेवा करते हुए उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। हमने महामारी के दौरान कई डॉक्टरों को ड्यूटी पर खो दिया, लेकिन उन्होंने अटूट प्रतिबद्धता और समर्पण की उच्चतम भावना के साथ लोगों की सेवा करना जारी रखा। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि आज हमारा देश यूरोलॉजिस्ट चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी कामना है कि यूरोलॉजी के क्षेत्र में बहुत तरक्की हुई है उनका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। ऐसे में हम सभी को समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को याद रखने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने इस दौरान चिकित्सा क्षेत्र में नए अविष्कारों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ ही यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्मारिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफ्टी एडवाइजर अनिल कुमार राव, राज्यपाल के एडीसी अभिषेक जोरवाल, डीसीपी ईस्ट वीरेंद्र विज, एम्स दिल्ली में यूरोलॉजी के पूर्व एचओडी प्रो एसएन वधवा,यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट डा. रविन्द्र सबनीस, सचिव डा. केशव मूर्ति, प्रेजिडेंट (इलेक्ट) डा. संजय कुलकर्णी, यूजिकॉन-23 के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन एवं राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के सदस्य डा. राजीव सूद, सचिव डॉ एसपी यादव, कोषाध्यक्ष डा. रमन तंवर सहित देशभर से यूरोलॉजी के विशेषज्ञ मौजूद रहे।

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