चंडीगढ़, 2 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पिंजौर (पिंजौर बद्दी खंड) में एनएच-21 ए (नया एनएच-105) पर मौजूदा लेवल क्रॉसिंग नंबर 138-बी के स्थान पर आरओबी और इसके पहुंच (एप्रोच) मार्ग के निर्माण कार्य के लिए कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के लिए अतिरिक्त लागत राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस आरओबी के बन जाने से पिंजौर, अंबाला और चंडीगढ़ से औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, नालागढ़ आदि की ओर जाने वाले भारी ट्रैफिक को राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेवल क्रॉसिंग के नियमित बंद होने के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा, वायाडक्ट पर इस आरओबी के निर्माण के बाद स्थानीय दुकानदारों को अपना व्यावसायिक कार्यों के लिए पर्याप्त जगह मिल सकेगी और पैदल यात्री भी आरओबी के नीचे से बाजार के दूसरी तरफ जा सकेंगे। इतना ही नहीं, स्थानीय यातायात भी सुचारू रूप से चलेगा। हरियाणा सिविल सेवा (वेतन) नियम, 2016 के नियम में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति चंडीगढ़, 2 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (वेतन) नियम, 2016 के नियम में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (वेतन) द्वितीय संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे। ये राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। नियम 56 में अंशदायी भविष्य निधि और / या परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लाभ सहित सेवानिवृत्त कर्मचारी के पुनः नियोजन पर वेतन का नियतन में संशोधन किया गया है। संशोधन के अनुसार किसी व्यक्ति के वेतन के नियतन के लिए जिसने सेवानिवृत्ति के समय अंशदायी भविष्य निधि और/या परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना के अधीन लाभ लिया है और किसी विभाग में पुनः नियोजित किया गया है, तो अंतिम आहरित वेतन का 50 प्रतिशत निकाला जाएगा तथा अगले रुपये में पूर्णांकित किया जायेगा। इस प्रकार निकाली गई राशि ऐसे पुनः नियोजित व्यक्ति के वेतन के नियतन के प्रयोजन के लिए पेंशन के रूप में समझी जाएगी। आयुष विभाग को स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग से अलग चंडीगढ़, 2 फरवरी – हरियाणा में आयुष शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों के इष्टतम विकास और प्रचार को सुनिश्चित करने के लिए आयुष विभाग को स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग से अलग करते हुए हरियाणा सरकार कार्य (आवंटन) नियम, 1974 में अलग विभाग के तौर पर शामिल किया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। निदेशालय आयुष हरियाणा के तालमेल से भारत सरकार द्वारा जिला पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और जिला झज्जर के गांव देवरखाना में एक स्नातकोत्तर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान संस्थान स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार जिला हिसार, गांव मैयड़ में 50 बिस्तर का संपूर्ण आयुष अस्पताल, जिला नूंह, गांव अकेड़ा में राजकीय यूनानी कालेज व अस्पताल तथा जिला अम्बाला, गांव चांदपुरा में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज व अस्पताल की स्थापना हेतू राज्य सरकार को सहयोग कर रही है। हरियाणा में आयुष शिक्षा के सुदृढीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र स्थापित किया गया है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर प्रभावित सामंजस्य एवं तालमेल बनाए रखने और पर्याप्त विशेषज्ञता सुनिश्चित करने के लिए आयुष शिक्षा के विषय को निदेशालय आयुष हरियाणा की परिधि और जिम्मेदारियों के दायरे में लाने की आवश्यकता है। इसलिए आयुष विभाग को अलग विभाग के तौर पर शामिल किया गया है। मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय को वापस लेने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति चंडीगढ़, 2 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लालकी अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा निजी स्वास्थ्य विज्ञान शैक्षणिक संस्था (प्रवेश विनियमन, फीस नियतन और शैक्षणिक मानक अनुरक्षण) अधिनियम, 2012 में संशोधन के संबंध में मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय को वापस लेने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों के तहत संस्थानों को उस अधिनियम / विनियमों के अनुसार नियमित किया जाए जिसके तहत उन्हें स्थापित किया गया है। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग पंडित बीडी शर्मा यूएचएस, रोहतक से संबद्ध संस्थानों के शुल्क का नियमन करता रहेगा। अन्य निजी संस्थानों के शुल्क का नियमन उन अधिनियमों के प्रावधान के अनुसार विनियमित होगा, जिसके अंतर्गत वे स्थापित हुए हैं। चंडीगढ़, 2 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विदेश सहयोग विभाग का नाम हरियाणा सरकार कार्य (आवंटन) नियम, 1974 में शामिल करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक वर्गीय, कार्यकारी अनुभाग एवं विविध (समूह-ग) सेवा नियम, 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी चंडीगढ़, 2 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक वर्गीय, कार्यकारी अनुभाग एवं विविध (समूह-ग) सेवा नियम, 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ये नियम हरियाणा राज्य वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक वर्गीय, कार्यकारी एवं विविध (समूह-ग) सेवा (संशोधन) नियम, 2022 कहे जाएंगे। हरियाणा राज्य वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक वर्गीय, कार्यकारी अनुभाग एवं विविध (समूह-ग) सेवा नियम, 1998 में वन्य प्राणी निरीक्षक की नियुक्ति के लिए न्यूनतम शारीरिक मानदंड नियत नहीं है। वन्य प्राणी रक्षक की नियुक्ति में न्यूनतम शारीरिक मानदंड निर्धारित तो थे परंतु चलन वॉकिंग टेस्ट नहीं था और साथ ही महिला उम्मीदवार का कोई प्रावधान नहीं था। इसलिए इन नियमों में संशोधन किया गया है। संशोधनों के अनुसार, अब पुरुषों के लिए न्यूनतम शारीरिक मानदंड के तहत कद 168 सेमी, छाती बिना फुलाए 79 सेमी और छाती फुलाकर 84 सेमी होनी चाहिए। महिला के लिए कद 155 सेंटीमीटर की है। साथ ही पुरुषों के लिए 25 किलोमीटर और महिलाओं के लिए 14 किलोमीटर वॉकिंग टेस्ट 4 घंटे में पूरा किया जाना है। Post navigation मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में विभागीय वित्तीय नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने राज्य सभा में दिया नोटिस