चण्डीगढ, 22 जनवरी :- हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन ने आरोप लगाया है कि सरकार वर्ष 2018 के बाद लगातार रोङवेज कर्मचारी के अधिकारों को छीनने का काम कर रही है जो असहनीय है।

युनियन के प्रान्तीय प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि किलोमीटर स्कीम के विरोध में वर्ष 2018 में हुई राज्यव्यापी हङताल के बाद सरकार रोङवेज कर्मचारीयों को टारगेट बनाकर लगातार एक-एक करके उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही है जो बङे खेद का विषय है। उन्होंन बताया कि पहले सरकार ने ओवरटाईम बन्द करके परिवहन व्यव्स्था को बर्बाद करने का काम किया। जिसके कारण कर्मचारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है क्योंकि कर्मचारी से हर रोज 12 से 14 घंटे डयूटी तो ली जा रही है लेकिन इसके बदले न तो ओवरटाईम ही दिया जा रहा तथा न ही पुरा ओटीआर दिया जा रह, जिसके कारण कर्मचारी का लगातार शौषण हो रहा है। एक्सग्रेसिया स्कीम के तहत मिलने वाले बोनस को बन्द करके भी सरकार ने कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दिया है जबकि रेलवे सहित देश के कई राज्य परिवहन कर्मचारियों को बोनस दे रहे हैं।

दोदवा ने बताया कि कर्मचारीयों की और भी बहुत सी समस्याएं जैसे कि वर्ष 2016 में भर्ती नियमों की सभी शर्तें पास करके नियुक्त हुए चालको व दादरी डिपो में पॉलिसी 2 के तहत लगे 52 मकैनीकल हैल्परों को रैगुलर करना,परिचालको के वेतनमान में बढ़ोतरी करना,कर्मशाला कर्मियों पर तकनीकी वेतनमान एक समान लागू करना तथा खत्म की गई सार्वजनिक छुट्टियों को बहाल करना, वर्षों से बाट जौह रहे लिपिकीय वर्ग की प्रमोशन करना,रिटायर्ड कर्मचारी के पहचान पत्र से( Not For Free Traveling )अंकित शब्द को हटाकर फ्री यात्रा की सुविधा देना,रिक्त पङे सभी श्रेणी के पदों पर प्रमोशन करना, तबादला निति में संशोधन करके जोनवाईज तबादला करना व विभाग में सरकारी बसों की बढोतरी करना तथा खाली पङे सभी पदों पर स्थाई भर्ती करना आदि मुख्य मांगे लम्बित है। इन सभी समस्याओं को लेकर रोङवेज युनियनों की परिवहन मन्त्री व उच्च अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता हो चूकी है लेकिन हर बार कोरे आश्वासन के सिवाय आज तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।

लम्बित पङी समस्याओ का निवारण करने की बजाय सरकार ने कर्मचारीयों के अर्जित अवकाशों में भारी कटौती करके जले पर नमक छिङकने का काम किया है। वर्ष 1995 में बने सीएसआर को अब कर्मचारीयों पर थोपने का कोई औचित्य नहीं बनता तथा न ही यह सीएसआर शोषित कर्मचारीयों पर लागू होता क्योंकि विभाग पहले ही कोर्ट में एफिडेविट देकर इन कर्मचारीयों को फैक्ट्री एक्ट में होने का करार कर चूका है। लेकिन सरकार अब जबरदस्ती इस नियम को थोपकर कर्मचारियों पर कुठाराघात कर रही है जो कर्मचारियों के साथ विश्वासघात भी है।

दोदवा ने बताया कि 11जनवरी को इसी मुद्दे पर रोङवेज संगठनों के साथ हुई वार्ता में कोई समाधान करने की बजाय दो टूक जवाब देकर बैठक खत्म कर देना सरकार की तानाशाही को दर्शाता है जो बर्दाश्त से बाहर है।

सरकार लगातार कर्मचारियों पर भारी पङती जा रही है तथा धरने व प्रदर्शनों से सरकार पर कोई असर होने वाला नहीं है बल्कि आज एक बङा आन्दोलन करने की सख्त जरूरत है। इसलिए रोङवेज के तमाम संगठनों से अपील है कि समय की नजाकत को देखते हुए अपने अहम को छोड़कर विभाग व अपने अधिकारों को बचाने के लिए एक मंच पर आकर एक बङे आन्दोलन की घोषणा करें। दोदवा विश्वास दिलाता है कि अगर विभाग व कर्मचारी हितों को लेकर सांझे किसी बङे राज्यव्यापी आन्दोलन की घोषणा होती है तो हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन का एक-एक कार्यकर्त्ता अग्रणी पंक्ति में रहकर आन्दोलन को कामयाब करने का काम करेगा।

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