हरियाणा सरकार के पास 5800 सरपंचों के उपलब्ध डाटाबेस के आधार पर पंचायत विभाग ने 3800 सरपंचों से फोन करके ई-टेंडरिंग पर फीडबैक लिया और 3150 सरपंचों इस प्रणाली का समर्थन किया। विद्रोही

यदि 3800 सरपंच इसके पक्ष में थे, फिर पूरे हरियाणा में अब विरोध क्यों हो रहा है। विद्रोही

22 जनवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार अपने ग्राम विरोधी कदमों से नवनिर्वाचित सरपंचों के साथ लगातार अनावश्यक टकराव मोल ले रही है। विद्रोही ने कहा कि पहले सरकार ने गांवों में होने वाले दो लाख रूपये से ज्यादा विकास कार्यो के लिए ईटेंडरिंग प्राणाली लागू की और अब सरकार के नये नियमों के अनुसार सरपंचों, ब्लॉक समिति व जिला परिषदों के चेयरमैनों को अपने द्वारा करवाये गए विकास कार्यो का ठेकेदारों का बिल पेमेंट एक सप्ताह के अंदर-अंदर करना होगा। यदि गांव का सरपंच, ब्लॉक व जिला परिषद चेयरमैन ठेकदार द्वारा किये गए कार्यो की गुणवत्ता से संतुष्ट न भी हो तो तब भी ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्यो में घटिया सामग्री प्रयोग करने के बावजूद भी एक सप्ताह में पेमेंट करनी होगी। यदि सरपंच व चेयरमैन एक सप्ताह के अंदर बिल का भुगतान नही करेंगे तो सम्बन्धित जिला व ब्लॉक पंचायत अधिकारी को स्वत: ही ठेकेदार को पेमेंट करने का अधिकार मिल जायेगा। 

विद्रोही ने कहा कि इस नये नियम से ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यो में गुणवत्ता की कमी आयेगी और ठेकेदार अधिकारियों से मिलकर निर्माण कार्यो में घटिया सामग्री का प्रयोग करेंगे और सरपंच व चेयरमैन चाहकर भी घटिया सामग्री प्रयोग होने के बाद भी उनकी पेमेंट नही रोक पायेगे। इस नियम से ग्रामीण विकास कार्यो मे घटिया साग्रमी से भ्रष्टाचार का बढना तय है। वहीं हरियाण पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने दावा किया है कि गांवों में दो लाख रूपये से ज्यादा विकास कार्यो पर ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू करने से पहले सरकार ने सरपंचों से व्यापक स्तर पर फीडबैक लिया है। उनका कहना है कि सरपंचों के बारे में हरियाणा सरकार के पास 5800 सरपंचों के उपलब्ध डाटाबेस के आधार पर पंचायत विभाग ने 3800 सरपंचों से फोन करके ई-टेंडरिंग पर फीडबैक लिया और 3150 सरपंचों इस प्रणाली का समर्थन किया। विद्रोही ने सवाल किया कि पंचायत चुनावों के बाद तुरन्त बाद सरकार ने दो लाख रूपये से ज्यादा विकास कार्येा पर ई-टेंडरिंग लागू कर दी थी तब इतनी जल्दी कैसे 3800 सरपंचों से फीडबैक ले लिया? वहीं यदि 3800 सरपंच इसके पक्ष में थे, फिर पूरे हरियाणा में अब विरोध क्यों हो रहा है। विद्रोही ने मांग की कि यदि सरकार ने सचमुच सरपंचों से फीडबैक लिया है तो उन 3150 सरपंचों की सूची जारी करने की हिम्मत दिखाये। 

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