अदालत ने बिजली निगम की अपील को किया खारिज

24 प्रतिशत ब्याज दर से जुर्माना राशि का भुगतान करने के दिए आदेश

गुडग़ांव, 21 जनवरी (अशोक): बिजली चोरी के मामले में बिजली निगम की अपील पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए निचली अदालत के आदेश को जहां बरकरार रखते हुए निगम की अपील को खारिज कर दिया
है, वहीं इसी अदालत ने उपभोक्ता की निचली अदालत के आदेश जिसमें 8 प्रतिशत ब्याज दर से जुर्माना राशि का भुगतान करने के आदेश को दी गई चुनौती की अपील पर सुनवाई करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता को 8
प्रतिशत ब्याज दर के स्थान पर 24 प्रतिशत ब्याज दर से जमा की गई जुर्माना राशि का भुगतान उपभोक्ता को किया जाए।

उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार साउथ सिटी क्षेत्र के उपेंद्र के बिजली के बिल में एक लाख 19 हजार 735 रुपए की धनराशि जुडक़र आई थी। जब उपभोक्ता ने इस राशि के बारे में बिजली निगम से जानकारी प्राप्त की तो उसे बताया गया कि वर्ष 2017 की 22 मई को उसका बिजली का मीटर उतारकर बिजली निगम की लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया था। मीटर की सील टूटी हुई पाई गई थी और इस सबको लेकर उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी का मामला बनाया गया था और उस पर एक लाख 7 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगा दिया गया था और यह जुर्माना ब्याज सहित एक लाख 19 हजार 735 रुपए हो गया था। जुर्माना राशि को बिल में जोडक़र भेजा गया है।

अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने इस डर से कि कहीं उसका बिजली का कनेक्शन न कट जाए, उसने जुर्माने का
भुगतान कर दिया था और बिजली निगम के खिलाफ अदालत में मामला दायर कर दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम ने जब उपभोक्ता का मीटर उतारा और उसे लेबोरेट्री में टेस्टिंग के लिए भेजा गया, इस बारे में उसे कोई
जानकारी नहीं दी गई थी। सिविल जज मानसी गौड़ की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए गत वर्ष 6 जुलाई को उपभोक्ता के हक में फैसला दिया था और बिजली निगम को आदेश दिए थे कि जमा की गई जुर्माना राशि का 8 प्रतिशत
ब्याज दर से वापिस भुगतान किया जाए। जहां उपभोक्ता ने निचली अदालत के कम ब्याज मिलने के आदेश को जिला अदालत में चुनौती दी थी, वहीं बिजली निगम ने भी निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। जिला अदालत ने दोनों अपीलों का
निपटारा करते हुए जहां बिजली निगम की अपील को खारिज कर दिया है, वहीं उपभोक्ता की ब्याज राशि 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 24 प्रतिशत करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि जमा की गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए।

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