-उपायुक्त ने वार्डबंदी के लिए गठित एडहॉक कमेटी के सदस्यों को बैठक में दी जानकारी

गुरूग्राम, 21 जनवरी। राज्य सरकार से मिले निर्देशों के तहत परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को आधार मानते हुए नगर निगम मानेसर की वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। परिवार पहचान पत्र के डेटा से मिलान करते हुए मानेसर नगर निगम के क्षेत्र को 20 वार्डों में विभाजित किया गया है। यह जानकारी आज उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने लघु सचिवालय में वार्डबंदी को लेकर गठित एडहॉक कमेटी की अध्यक्षता करते हुए दी। इस बैठक में मानेसर नगर निगम के आयुक्त मोहम्मद इमरान रजा, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा सहित कमेटी के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

डीसी श्री यादव ने कमेटी के सदस्यों को वार्डबंदी की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मानेसर नगर निगम की वार्डबंदी में परिवार पहचान पत्र के डेटा को आधार माना गया है। उन्होंने बताया कि पीपीपी के माध्यम से सरकार को प्राप्त हुए डेटा के अनुसार मानेसर निगम क्षेत्र में करीब एक लाख सत्तर हजार परिवार हैं। इसमें करीब 76 हजार मतदाता हैं। उपायुक्त ने बताया कि उपरोक्त दोनों डेटा को आधार मानते हुए वार्डबंदी के समय प्रत्येक वार्ड में करीब 7 से 9 हजार परिवार या करीब चार हजार मतदाताओं को समायोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि चूंकि मानेसर नगर निगम का क्षेत्र पटौदी व बादशाहपुर में फैला हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की तरफ से निर्देश दिए गए थे कि वार्डबंदी के दौरान एक वार्ड को एक विधानसभा क्षेत्र में ही रखा जाए। इसके साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि निगम क्षेत्र में स्थित दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग व रेलवे लाइन किसी एक वार्ड को दो भागों में विभाजित ना करता हो।

बैठक में उपस्थित कमेटी के सदस्य ऋषिराज राणा, मास्टर बलबीर सिंह, राव रविदत्त, बालकिशन सहित सदस्य महेश ने वार्डबंदी के ड्राफ्ट की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार आमजन को दी जाने वाली सेवाओं के सरलीकरण के उद्देश्य से निरंतर डिजिटिलाइजेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र फ्लैगशिप योजना ने वार्डबंदी जैसी जटिल प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया है। उपायुक्त ने बताया कि एडहोक कमेटी के सदस्यों से विचार विमर्श कर सहमति बनने के उपरांत अगले सप्ताह कमेटी की फाइनल बैठक बुलाई जाएगी जिसमें सभी सदस्यों से फाइनल ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर लेकर ड्राफ्ट को सरकार के पास भेजा जाएगा।

error: Content is protected !!