गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: साइबर सिटी के पाश क्षेत्र डीएलएफ में एक रिहायशी सोसाइटी में वीरवार को शॉर्ट सर्किट से लगी आग में पति की जीवन लीला छीन ली । वही पत्नी भी भयंकर रूप से झुलस गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेक्टर 59 स्थित टाटा रायसीना रेजिडेंसी सोसायटी की 5वीं मंजिल के एक फ्लैट में आग लगने से दर्दनाक हादसा हुआ। आग लगने की समय फ्लैट में पति-पति ही मौजूद थे। आग इतनी तेजी से फैली कि पत्नी ने तो भागकर अपनी बचाई, लेकिन पति आग की चपेट में आ गया। आग में बुरी तरह से जलने से उसकी मौत हो गई। आग पर काबू पाने के बाद उसका कंकाल ही बाहर निकाला गया।

जानकारी के अनुसार यहां सेक्टर-59 स्थित रिहायशी सोसायटी के ईब्ल्यूएस फ्लैट में पति-पति रहते थे। गुरुवार दोपहर को ईवीएस स्कीम के तहत बनी फ्लैट में पांचवी मंजिल पर बिजली के शॉर्ट सर्किट से एक फ्लैट में आग लग गई। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त फ्लैट के अंदर पति-पत्नी ही मौजूद थे। आग लगते ही पत्नी तो फ्लैट से बाहर निकल आई, लेकिन उनके 42 वर्षीय पति आग पर काबू पाने के चक्कर में आग की लपटों में आग गए। पत्नी ने बताया उन्होंने आग से बचने की काफी कोशिश की लेकिन आज इतना विकराल रूप ले चुकी थी कि वे अपने आप को बचा नहीं पाए। पत्नी हादसा देखकर चिल्लाती रही, लेकिन आग विकराल रूप ले चुकी थी। कि किसी की भी हिम्मत आग में कूदकर झुलसे हुए व्यक्ति को बचाने की हिम्मत नहीं कर पाया। चीख-पुकार के बाद कुछ ही देर में उनके पति की आवाज भी शांत हो गई। सूचना पाकर दमकल विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। जब तक कर्मचारी आग पर काबू पाते, महिला का पति आग में जलकर कंकाल में तब्दील हो चुका था।

फायर विभाग के उपनिदेशक गुलशन कालरा के मुताबिक आग काफी ज्यादा लगी हुई थी। दमकल विभाग की 3 गाडियों ने करीब 2 घंटे में कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मृतक मूल रूप से झारखंड का रहने वाला बताया गया है और साइबर सिटी में ड्राइवर की नौकरी करता था। प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि क्षेत्र में आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है पिछले 1 महीने के अंदर यह पांचवी आग लगने की घटना है वहीं उन्होंने प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि बिल्डरों से मोटा सुविधा शुल्क लेकर सेफ्टी का कोई पुख्ता इंतजाम ना होते हुए भी उनको प्रमाण पत्र सरकार में बैठे भ्रष्ट अधिकारी दे देते हैं। वहीं क्षेत्र के समाजसेवी विजय यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम में अधिकतर बड़े बिल्डरों ने बनाई हुई सोसायटी ओं में सरकार की नियम और कानून के तहत ईडब्ल्यूएस के तहत फ्लैट तो बना दिए हैं लेकिन उनको ना तो मूलभूत सुविधा दी जा रही है और अन्य निवासियों की तरह मीन रस्ते से आने-जाने की सुविधा दी जा रही है और ना ही अन्य दुकानों पर जाने दिया जा रहा है उनके लिए अलग से ही सोसाइटी ने गेट बनाए हुए हैं और वह किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए आरडब्लूए भी उनके लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं करा रही है, जिसके बारे में भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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