चण्डीगढ़, 14 जनवरी- प्रदेश के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने पानीपत के ऐतिहासिक स्थल काला आम्ब स्मारक पर आयोजित मराठा शौर्य दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि बोलते हुए कहा कि पानीपत की धरती मराठों के अनुपम, धैर्य, पराक्रम व शौर्य की कहानी है। यह धरती शौर्य, वीरता और त्याग की धरती है। उन्होंने पानीपत के युद्घ में अपना बलिदान देने वाले सदाशिव राव भाऊ व अनरू वीरों के नामों और शौर्य का उल्लेख करते हुए कहा कि मराठे सच्चे देशभक्त थे। ‘मराठी माणुस‘ योद्घाओं की वीरता के गीत आज भी गाए जाते हैं। पानीपत के के युद्धों की कहानी बताती है कि मराठों ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए किस प्रकार अपनी जान की बाजी लगा दी।

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र और पानीपत के इतिहास को विश्व जानता है। गीता के माध्यम से भारत ने दुनिया को अध्यात्म का ज्ञान दिया है वहीं पानीपत के युद्ध ने दुनिया को इतिहास दिया है। आज भी भारतीय सेना में और सुरक्षा बलों के जवान सर्व धर्म भाव से देश की रक्षा के लिए कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की एकता, अखण्डता को मजबूती प्रदान करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना का आधुनिकीकरण व सामरिक क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर सेना को आत्मनिर्भर बनाया है। केन्द्र ने इसी बजट में सेना के लिए सवा पांच लाख करोड़ की राशि का प्रावधान किया है जो गत वित्त वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक है। केन्द्र सरकार ने रक्षा पैंशन की मंजूरी और वन रैंक-वन पैंशन योजना शुरू की है।

राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि आज भी कई मायनों में हरियाणा और महाराष्ट्र की संस्कृति का सम्बंध व जुड़ाव है। उन्होंने मकर सक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्यौहार दोनों प्रदेशों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने इस मौके पर स्मारक पर जाकर मशाल भी जलाई और पानीपत के तीसरे युद्ध में हजारों की संख्या में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को पुष्पांजलि भी अर्पित की।

कार्यक्रम में बोलते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 262वें शौर्य दिवस और मकर सक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि आने वाली पीढिय़ों को ऐसे युद्घों से प्रेरणा लेनी चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि भारत कैसे अखण्ड और मजबूत बना। हमारे वीरों ने किस तरह से अपनी कुर्बानियां देकर इसकी अखण्डता को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि वीर मराठों के बलिदानों को कभी नही भुलाया जा सकता।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार काला आम्ब में जल्द से जल्द स्मारक स्थल का निर्माण करेगी और पर्यटन हब के साथ-साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव को भी आगे ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग से अनुमति लेकर यहां पर इस स्मारक स्थल से सम्बंधित अन्य कार्य भी किए जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो ई-भूमि के माध्यम से साथ लगती भूमि भी ली जाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद करते हुए वीर शहीदों को नमन किया और कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र का जो आपसी जुड़ाव है उसका ज्यादा से ज्यादा विस्तारण किया जाएगा।
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर यहां आए हैं। जो बलिदान मराठा और पेशवा ने यहां दिया, पूरा भारत इसका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के इस रिश्ते को आगे ले जाया जाएगा।

विश्व हिन्दू परिषद के संगठन मंत्री विनायक देशपाण्डेय ने पानीपत की तीनों ऐतिहासिक लड़ाईयों का जिक्र करते हुए सभी को इतिहास से रूबरू करवाया और मराठों के शौर्य से अवगत करवाया। कार्यक्रम में शौर्य स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटिल ने समिति की ओर से महामहिम राज्यपाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व अन्य सभी उपस्थित महानुभावों का स्वगत और अभिनन्दन करते हुए उन्हें छत्रपति शिवाजी का चित्र भी भेंट किया।

इस मौके पर सांसद संजय भाटिया, सांसद कृष्णलाल पंवार, विधायक महिपाल ढांडा, विधायक हरविन्द्र कल्याण, पशुपालन विभाग के चेयरमैन धर्मबीर मिर्जापुर, व यौद्धा स्मारक समिति के सचिव राजेश कुमार सहित काफी संख्या में महाराष्ट्र व हरियाणा से मराठा समाज के पुरुष व महिला उपस्थित रहे।

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