-मंगलवार की रात को भी कई स्थानों पर दिए गए कंबल, जूते
-कोरोना काल से वंचितों की सेवा में जुटा है नवकल्प फाउंडेशन
-इंसानों के साथ पशु-पक्षियों के लिए भी करता है काम

गुरुग्राम। कड़ाके की ठंड में ठिठुरते लोगों के लिए नवकल्प फाउंडेशन सहारा बनकर आया है। पिछले कई दिनों से सुविधाओं से वंचित लोगों को घूम-घूमकर कंबल व जूते बांटकर उन्हें सर्दी से बचाने के प्रयास नवकल्प ने किए हैं। बीते दो सप्ताह में 500 कंबल और 1200 जोड़ी जूते वितरित किए जा चुके हैं। यह अभियान जारी है।

नवकल्प ने अपने आओ हाथ बढ़ाएं अभियान के तहत ऐसे ही सहृदय संवेदनशील सदस्यों के सहयोग से कंबल ओढ़ाकर अपना दायित्व पूर्ण करने की तिनका भर कोशिश की है। स्कूली बच्चों को कपड़े के जूते पहनाए जा रहे हैं। मंगलवार की रात को भी टीम नवकल्प ने जिला रेडक्रॉस सोसायटी की टीम के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सूरत नगर, राजीव चौक, मोर चौक सहित रास्ते में भी जो जरूरतमंद इंसान ठंड से ठिठुरते मिले, उन्हें भी कंबल दिये गये।

नवकल्प फाउंडेशन के फाउंडर अनिल आर्य ने बताया कि संस्था को कंबल उपलब्ध कराने में नूंह के समाजसेवी गौरी शंकर मंगला, जमुना ऑटो की सीएसआर हेड संयम मराठा, बादशाहपुर से समाजसेवी राजेश यादव, सिग्नेचर सत्वा के चेयरमैन व नवकल्प के सीनियर उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, प्रमुख बाल रोग चिकित्सक डा. महावीर जैन, सुचित जैन आदि ने विशेष सहयोग किया है। नवकल्प टीम की ओर से सभी का आभार है।

मंगलवार रात को कंबल वितरण करने वाली टीम में वरिष्ठ पत्रकार पीसी आर्य, रेडक्रॉस के सचिव विकास कुमार, नवकल्प के फाउंडर अनिल आर्य, प्रवीण अग्रवाल, उपाध्यक्ष नवीन गुप्ता एडवोकेट, महासचिव डा. सुनील आर्य, गौरव मंगला, कृष्ण चावला, सुचित जैन, रेडक्रॉस के कामकाजी महिला आवास से वार्डन कविता सरकार सहित कई साथी मौजूद थे।

रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव विकास कुमार ने कहा कि ठंड में वंचित लोगों का जीवन सुरक्षित करने के लिए इस तरह के अभियान में आमजन पूरा सहयोग करे। अपने साथ में कुछ कंबल और कुछ चप्पल-जूते रखें और जहां जरूरतमंद दिखें उन्हें दे दें। अपने बच्चों को भी साथ ले जाइए, उनमें पुण्य भाव, ऐसा सुसंस्कार आप रोप देंगे। सचिव विकास कुमार ने कहा कि नवकल्प फाउंडेशन कोरोना काल से लेकर अब तक समाजसेवा के जो कार्य कर रहा है, वह अनुकरणीय हैं। तब राहगिरों को चप्पलें और खाना दिया। फिर गर्मी में पक्षियों के लिए दाना-पानी का  प्रबंध घोंसले लगाकर किया। इस कार्य को भी एक अभियान की तरह से चलाया। अब सर्दी में कंबल, जूते वितरण का काम हो रहा है। समाजसेवी संस्था के नाते नवकल्प अपने दायित्व का पूर्ण निवर्हन कर रहा है।

नवकल्प के महासचिव डा. सुनील आर्य ने कहा कि नवकल्प ठंड का प्रकोप जानलेवा हो रहा है। अंदर तक बींध देने वाली इस ठंड में जो अपनी मजबूरियों की वजह से ना तो पर्याप्त गर्म कपड़े ले पाते ना ही जाड़े की लंबी रातों में रजाई, कंबल की सलीके से व्यवस्था कर पाते हैं। लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। ऐसे जरूरतमंदों लोगों को इस भीषण शीत में जब ठंड हड्डियों में भीतर तक घुस जाए तब कुछ राहत देने के उद्देश्य से समाज के कुछ ऐसे हाथ हृदय आगे बढ़ते हैं, जिन्हें ईश्वर ने धन से भी सक्षम बनाया है और मन से भी।  

error: Content is protected !!