गुरूग्राम 5 जनवरी 2023 – भूमिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर ( केबल या पाईप लाईन ) बिछाने की अनुमति लेने के लिए सरकार की तरफ से शुल्क निर्धारित होता है जो कि जमीन के कलेक्टर रेट के हिसाब से प्रति मीटर निर्धारित होता है जो कि अनुमानतः एक लाख रुपए प्रति किलोमीटर होता है । लेकिन ज्यादातर निजी कम्पनीयों द्वारा नियुक्त ठेकेदार सरकारी विभागों में सांठगांठ करके बिना शुल्क के या कम किलोमीटर का शुल्क देकर केबल पाईप डाल देते हैं जिससे प्रतिवर्ष सैंकडों करोड़ रुपया सरकारी खजाने में जाने की बजाए अधिकारीयों व ठेकेदारों की जेब में चला जाता है जबकि इतना पैसा यदि नागरीक सुवीधाओं पर खर्च होता तो शहर की कायापलट हो सकती थी ।

इस बाबत जीएमडीए के पूर्व सलाहकार व गुरुग्राम सिटीजन्स फोरम के सयोजक श्री प्रियव्रत भारद्वाज ने करीब तीन वर्ष पहले इस विषय पर सरकार के सज्ञान लेने हेतू आवाज उठानी शुरू की थी जिसके कारण जीएमडीए समेत कई विभागों में उपरोक्त शिकायत की जांच करने हेतू जांच समितियां भी बनाई गई थी व जीएमडीए के तत्कालीन डिप्टी सीईओ श्री अजय मलिक आईएएस ने अगस्त व सितंबर 2020 में जांच कमेटी का चेयरमैन होने के नाते कई बार विभागीय अधिकारीयों से बैठक करके विचार विमर्श किया था जिसमें शिकायतकर्ता प्रियव्रत भारद्वाज को भी शामिल किया था । इसी संदर्भ में सीएम फलाईग ने एमजी रोड़ समेत कई स्थानों पर खुदवाई करवाकर अवैध केबल मिलने व कई स्थानों पर अवैध खुदाई करते ठेकेदारों पर शिकंजा कसा था । लेकिन सरकार के पास इस तकनीकी विषय के अनुभव की कमी की वजह से इसे रोकने हेतू कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई ।

श्री प्रियव्रत भारद्वाज के अनुसार गुरूग्राम सिटीजन्स फोरम के तत्वाधान में शहर के आम व खास व्यक्तियों की सहायता से इस मुहीम को अमल में लाया जाएगा । सभी आरडब्लूए , व्यापारिक व इंडस्ट्रीयल एसोसियेशन्स के सहयोग से शहर के आम जनमानस को इस मुहिम से अवगत कराया जाएगा ताकि सड़कों के किनारे होने वाली इस शुल्क चोरी पर अंकुश लगाया जा सके व यह शुल्क सरकार के खजाने के माध्यम से नागरिक सुविधाओं पर खर्च हो सके ।

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