मानेसर नगर निगम भंग करने की माँग ने पकड़ी तेजी, धरने को समर्थन देने पहुंच रहे लोग, अनिश्चित कालीन धरना जारी

मानेसर 2/1/2023 :- स्थानीय जनता के विरोध को देखते हुए और जनभावनाओं की कद्र करते हुए सरकार को अब बिना देरी किए मानेसर नगर निगम को बनाए रखने अथवा उसे भंग करने को लेकर जनमत संग्रह करवाने के आदेश देने चाहिए ताकि अपने हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ने को धरने पर बैठी जनता अपने काम पर लौट सकें। यह बात हरियाणा सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर व महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने आज धरने पर पहुंच कर धरने को अपना समर्थन देते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक व कल्याणकारी सरकार अपने अधिकारियों की जानबूझकर की गई गलतियों को माफ नहीं करती। लेकिन एक विधायक तथा प्रदेश के सीएम की सनक को पूरी करने की वजह से जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के साथ फर्जी सर्वे करा करके सरकार को गुमराह किया गया और नतीजन जल्दबाजी में अदूरदर्शीता का परिचय देते हुए बैगर स्थानीय जनता को विश्वास में लिए नए नगर निगम मानेसर का गठन कर दिया गया। जिसकी परिणीति ये हुई की आज तक यहां सही से वार्ड बंदी भी नही हो पाई।

वर्मा ने कहा की सरकार की इस जल्दबाजी और अतार्किक फैसले का खामियाजा अब पूरा मानेसर क्षेत्र भुगत रहा है, गंदगी व कूड़े के अंबार लगे हैं, निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है, लोगों को अपने कामों के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ होने के बाद भी यदि अब ये सरकार जनमत संग्रह करवाती है तो अब भी उसका उसका स्वागत है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि ये दुर्भागयपूर्ण है कि प्रदेश में भाजपा- जजपा गठबंधन सरकार है लेकिन सरकार का ना तो इस इलाके की भलाई से कोई वास्ता है और ना ही जनभावनाओं की कद्र की जा रही है। आज प्रदेश के सबसे बड़े तीन आंदोलन इस एक मात्र विधानसभा पटौदी में चल रहें हैं जो इस सरकार की और स्थानीय बीजेपी विधायक की बड़ी विफलता है।

वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री के एक गलत फैसले ने देश को खराब अर्थव्यवस्था की गर्त में धकेल दिया ठीक उसी तरह सरकार के कुछ नुमाइंदों द्वारा स्थानीय लोगों की सलाह को दरकिनार कर बनाए इस नगर निगम के अव्यवहारिक सरकारी फैसले ने यहां की जनता को धरने पर बैठने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को ये फैसला जनता पर छोड़ना चाहिए की वो निगम चाहते भी हैं या नही क्योंकि सरकार जनता के लिए है न की जनता सरकार के लिए। इसलिए सरकार को अविलंब इस मामले को लेकर रायशुमारी करनी चाहिए और धरनारत जनता से सार्थक संवाद कायम करना चाहिए।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि इस निगम का गठन कराने के पीछे सरकार की मंशा इस क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाना नही है, ये बात इससे भी सपष्ट हो जाती है की आज प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला गुरुग्राम सिसक रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की गिद्ध दृष्टि इसमें शामिल पंचायतों की जमीन पर और उसके राजस्व पर है, जिसे वो अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने को उतावली है।