हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एक सार्वजनिक रैली में पटवारियों को पे ग्रेड 35400 रूपये मासिक करने की घोषणा कर चुके है तब वे अपनी बात से पीछे कैसे हट सकते है? विद्रोही उपमुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री दुष्यंत चौटाला ने पटवारियों को ठगने के लिए ऐसी घोषणा की थी या दुष्यंत चौटाला अपनी की गई घोषणा के प्रति गंभीर व ईमानदार नही : विद्रोही 31 दिसम्बर 2022 – विगत एक सप्ताह से पे ग्रेड मांग को लेकर दी रेवेन्यु एवं पटवार कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा के आह्वान पर लघु सचिवालय रेवाडी पर धरने पर बैठे पटवारियों को समर्थन देने शुक्रवार दोपहर बाद स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने धरनास्थल पर जाकर उनकी जायजा व तर्कसंगत मांगों का जोरदार समर्थन किया। धरने पर बैठे पटवारियों को सम्बोधित करते हुए विद्रोही ने कहा कि पटवारियों की वेतनमान बढ़ाने की मांग तर्कसंगत है क्योंकि उनके समकक्ष पद एमपीएचडब्ल्यू, जेबीटी, गोदाम कीपर, मंडी सुपरवाईजर को पटवारियों को मिल रहे बेसिक वेतन 25400 रूपये मासिक से कहीं ज्यादा वेतन 35400 से 35900 रूपये मासिक मिल रहा है तो पटवारियों को पे ग्रेड 35400 रूपये मासिक करने की मांग कैसे गलत है? एक ओर सरकार पटवारियों की भर्ती की न्यूतम शैक्षणिक योग्यता बीए कर चुकी है व उन्हे डेढ़ वर्ष की ट्रेनिंग अलग से करनी पड़ती है, फिर उनको पे ग्रेड 35400 क्यों नही दिया जा रहा? वहीं जब हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एक सार्वजनिक रैली में पटवारियों को पे ग्रेड 35400 रूपये मासिक करने की घोषणा कर चुके है तब वे अपनी बात से पीछे कैसे हट सकते है? विद्रोही ने कहा कि पटवारियों के पे ग्रेड 35400 रूपये करने की फाईल प्रमुख राजस्व सचिव द्वारा रिजेक्ट करना एक तरह से राजस्व मंत्री की घोषणा पर ही प्रश्नचिन्ह है। जब राजस्व सचिव अपने ही विभाग के मंत्री की घोषणा का मान रखने को तैयार नही तब क्या तो उपमुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री दुष्यंत चौटाला ने पटवारियों को ठगने के लिए ऐसी घोषणा की थी या दुष्यंत चौटाला अपनी की गई घोषणा के प्रति गंभीर व ईमानदार नही। राजस्व विभाग के पटवारी सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। सरकार की हर घोषणा को गांवों में लागू करवाने, प्रचार करने में पटवारी एक तरह से सरकारी दूत का काम करते है। पटवारियों पर सरकार काम का बोझ तो लादती जा रही है, लेकिन काम व योग्यता के अनुरूप वेतन मिले, इसके प्रति गंभीर व ईमानदार नही है। भाजपा सरकार का यह रवैया ना केवल जनविरोधी है अपितु कर्मचारी विरोधी भी है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि विगत 8 सालों में हरियाणा में एक भी सरकारी विभाग भाजपा सरकार के रवैये से संतुष्ट नही है। सरकार किसी भी विभाग के कर्मचारियों की जायज मांगों को मानने व तकलीफों को दूर करने को तैयार नही जो एक विडम्बना है। पटवारियों के साथ किया जा रहा सरकार का सौतेला व्यवहार किसी भी तरह उचित नही। धरने को सम्बोधित करते हुए विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे पटवारियों की उनकी योग्यता के अनुसार अन्य विभागों की समकक्ष पोस्टों के अनुसार 35400 का पे ग्रेड देकर उनके साथ न्याय करे। वहीं विद्रोही ने कहा कि आज हरियाणा सरकार की दमनकारी व शोषणकारी नीतियों के खिलाफ प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों व अर्ध-सरकारी कर्मचारियों में भारी रोष है और विभिन्न कर्मचारी यूनियन लम्बे समय से आपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है, किन्तु सरकार की अभी तक कुंभकरणी नींद नही खुली है। विद्रोही ने पे स्केल बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे पटवारियों की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा भर्ती के लिए पटवारियों की शैक्षणिक योग्यता को दसवी से बीए तो कर दिया गया है, किन्तु आज तक उनके वेतनमान में कोई बढोतरी नही की गई है, उनके साथ सरासर अन्याय है। पटवारी राजस्व विभाग की अहम कड़ी है तथा पटवारियों का काम सीधे तौर पर जनता से जुड़ा है। प्रदेशभर में हड़ताल के चलते आमजन के कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे है, किन्तु न तो सरकार को अपने कर्मचारियों के हितों की चिंता है और न ही आमजन को रही परेशानियों से कोई लेना-देना है। हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में ऐसी गूंगी, बहरी व असंवेदनशील सरकार कभी नही देखी गई जैसी आज मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट््टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार हरियाणा की सत्ता पर काबिज होकर बैठी है। विद्रोही ने कहा कि पटवारियों की वेतनमान बढ़ाने की मांग तर्कसंगत है क्योंकि उनके समकक्ष पद एमपीएचडब्ल्यू, जेबीटी, गोदाम कीपर, मंडी सुपरवाईजर को 35400 का वेतनमान दिया जा रहा है जबकि टीजीटी को 44900 का वेतनमान दिया जा रहा है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा की खट्टर सरकार की मानसिकता ही कर्मचारी विरोधी है क्योंकि चाहे पक्के कर्मचारी या कच्चे, यह सरकार सभी का शोषण कर रही है। कांग्रेस की भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति बनाई थी जिसके फलस्वरूप बहुत से कच्चे कर्मचारियों की आज हरियाणा सरकार में पक्की नौकरी हो चुकी है। किन्तु जब से प्रदेश में भाजपा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने सत्ता संभाली है, कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को पक्का करना तो दूर की बात, उन्हे कच्ची नौकरी से भी बाहर निकालने का काम किया जा रहा है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाकर सरकार प्रदेशभर के युवाओं को मूर्ख बना रही है जबकि वास्तविकता यह है कि जो नौकरियां सरकार को नियमित भर्ती के माध्यम से भरनी चाहिए थी, उन्हे अब इस निगम के माध्यम से भरकर युवाओं के भविष्य के साथ क्रूर मजाक कर रही है। निगम में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को न तो सरकार भविष्य में नियमित करेगी और न ही उनका वेतन किसी भी सूरत में 30 हजार मासिक से अधिक होने वाला। इसी से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा खट्टर सरकार की मंशा युवाओं को स्थायी रोजगार देने की बजाय अस्थायी तौर पर भर्ती करने की है ताकि उनसे दिहाड़ीदार मजदूर की भांति काम करवाया जा सके। Post navigation मोदी जी के साथ-साथ करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए भी प्रेरणापुंज थी हीरा बेन: ओम प्रकाश धनखड़ 24 लाख रुपयों की लूट करने वाले दोनों आरोपियों सहित कुल 05 गिरफ्तार……..