ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को भी सौंप चुके ज्ञापन, लेकिन नहीं हो रहा समाधान चरखी दादरी जयवीर फौगाट, 10 दिसंबर, – सरकार द्वारा राजकीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा सुविधाएं देने के वायदे किए जाते हैं। लेकिन धरातल पर देखा जाए तो ये वायदे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों का आंकड़ा सरकार के दावों की हवा निकालने के लिए काफी है। कहीं पर विद्यालयों में एक ही अध्यापक कार्यरत है तो कहीं पर कई विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं जिसके कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। जिला के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दर्जभर से अधिक पद रिक्त होने के कारण सैकड़ों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होने से उनका भविष्य अंधकार में है। ग्रामीण रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत भी करवा चुके हैं लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण पद काफी दिनों से रिक्त पड़े जिसके चलते अभिभावकों में रोष बना हुआ है। बाढड़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को कुछ समय पहले मॉडल संस्कृति स्कूल में परिवर्तित किया गया था। जिसके बाद से विद्यार्थियों व अभिभावकों को आश जगी थी कि अब विद्यालय में पहले की अपेक्षा अधिक सुविधाएं मिलेंगी और शिक्षा गुणवत्ता भी अव्वल दर्जे की मिलेगी। विद्यालय के मैन गेट पर बड़ा सा मॉडल संस्कृति स्कूल का बोर्ड भी लगा दिया गया लेकिन अंदर कक्षाकक्ष में पढ़ाने के लिए अध्यापक उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण विद्यार्थियों व अभिभावकों के सभी सपनों पर पानी फिर गया। यदि विद्यालय के बारे में ऊंची दुकान फीके पकवान वानी कहावत कही जाए तो भी कोई गलत नहीं होगा। क्योंकि विद्यालय के मुख्य दरवाजे को मॉडल संस्कृति स्कूल लिखकर फैंसी बोर्ड से सजाया गया है और विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापक तक उपलब्ध नहीं हैं। धीरे-धीरे विद्यार्थियों का रुझान हो रहा कम : बाढड़ा के राजकीय स्कूल में आसपास के दर्जनों गांवों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। कुछ साल पहले यहां सभी विषयों का स्टाफ होने के कारण यह विद्यालय विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। दसवीं के बाद तो विशेषकर विज्ञान संकाय के विद्यार्थी बड़े-बड़े नामी प्राइवेट विद्यालयों को छोड़कर ग्याहरवीं व बारहवीं की शिक्षा ग्रहण करने के लिए बाढड़ा के राजकीय विद्यालय आते थे। लेकिन अब इस विद्यालय को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिलने के बाद भी अध्यापकों की कमी के चलते विद्यार्थियों का रुझान कम होता जा रहा है। ग्रामीण बार-बार कर चुके है मांग: ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में 400 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं जिनकी पढ़ाई स्टाफ की कमी के चलते प्रभावित हो रही है। स्टाफ सदस्यों की मांग को लेकर वे कई बार विभाग के अधिकारियों से मिल चुके हैं इसके अलावा वे जन प्रतिनिधियों को भी ज्ञापन देकर समस्या से अवगत करवा चुके हैं। लेकिन अभी तक स्टाफ सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। विद्यालय में रिक्त पदों का विवरण: रिक्त पद प्रभावित विद्यार्थी कब से रिक्त प्राचार्य 452 1 मई 2022 से पीजीटी शारीरिक शिक्षा 156 1 सितंबर 2022 से पीजीटी संस्कृत 116 1 सितंबर 2022 से पीजीटी मनोविज्ञान 47 1 सितंबर 2022 से पीजीटी वाणिज्य 15 12 सितंबर 2022 से पीजीटी इतिहास 139 1 सितंबर 2022 से पीजीटी कंप्यूटर 452 अभी तक उपलब्ध नहीं टीजीटी सा.विज्ञान 86 1 मई 2022 से टीजीटी संस्कृत 86 19 नवंबर 2022 से टीजीटी ड्राइंग 86 पिछले 6 साल से पीजीटी फाइन आर्ट 00 अभी तक उपलब्ध नहीं पीजीटी संगीत 00 अभी तक उपलब्ध नहीं सूचना प्रबंधक 00 अभी तक उपलब्ध नहीं Post navigation कारी धारणी में शोरा नहर टूटने से 25- 30 एकड़ गेहूं व सरसों की फसल जलमग्न, किसानों ने मुआवजे की मांग की संपर्क के स्मार्ट बॉक्स बना अध्यापकों की पहली पसंद, विद्यालयों में सुनाई दे रही संपर्क दीदी की गूंज