चार्ज संभाला तब 1250 कोर्ट केस, केवल शेष बचे अब 550 ही मामले
रिलीव होने के समय केवल मात्र 2 या 3 सीएम विंडो की जांच लंबित
अपना अधिकांश समय जनहित के कार्य करने को समर्पित किया गया
पटौदी में सैनिक कैंटीन और विश्राम गृह बनवाने की सिफारिश की गई

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
  सरकारी सेवा में अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर होना एक सामान्य बात है , लेकिन फिर भी कुछ अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली और जनहित की समस्याओं को लेकर उनके समाधान के लिए किए जाने वाले प्रयासों को लेकर लंबे समय तक याद किए जाते  हैं । इसी कड़ी में पटौदी के निवर्तमान एसडीएम प्रदीप कुमार को भी शामिल किया जा सकता है । पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार का ट्रांसफर ज्वाइंट डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में सरकार के द्वारा कर दिया गया है ।

ऐसे में पटोदी से रिलीव होने से पहले अपने ऑफिस में कुछ आवश्यक फाइलों को निपटाने के दौरान उनसे लगभग 27 महीने के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों पर चर्चा की गई । जब उनसे पूछा गया कि पटौदी एसडीएम का चार्ज संभालने पर सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने क्या रही ? इस पर थोड़ा धीर और गंभीर होते हुए एसडीएम प्रदीप कुमार ने कहा 4 अगस्त 2020 को उन्होंने यहां जिम्मेदारी संभाली , उस समय कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच चुकी थी । यह सभी को पता है दूसरी लहर के समय सबसे अधिक जरूरत, चुनौती और समस्या जरूरतमंद कोरोना पीड़ितों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना था । इसके लिए पूरे जिला गुरुग्राम की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपी गई और इस बात की आज बेहद संतुष्टि है कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से जितना अधिक संभव हो सका अधिक से अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति जरूरतमंद लोगों तक करवाई गई। किसी रोगी पीड़ित बीमारी में किसी की मदद करना यह किसी भी अधिकारी का सरकारी दायित्व से पहले मानवीय धर्म भी बनता है ।

इसी मौके पर उन्होंने बताया जब पटौदी एसडीएम का उन्होंने चार्ज संभाला था, यहां पर एसडीएम कोर्ट में विभिन्न प्रकार के 1250 मामले सुनवाई के लिए लंबित थे, लेकिन आज जब है यहां से रिलीव होकर जा रहे हैं तो बेहद संतुष्ट हैं कि केवल मात्र 550 मामले ही सुनवाई के लिए बाकी बचे हुए हैं । कोर्ट के अंदर किस प्रकार की कार्यवाही वादी प्रतिवादी पक्ष के एडवोकेट के द्वारा की जाती है , यह किसी से भी छिपी हुई नहीं है । लेकिन फिर भी उनका यह प्रयास रहा कि किसी न किसी प्रकार से दोनों पक्षों को समझा कर समस्या का या विवाद का निपटारा करवाया जाए। इस मामले में उनको उम्मीद से अधिक कामयाबी भी प्राप्त हुई । इसी प्रकार से उन्होंने बताया लगभग एक लाख लाइसेंस तथा वाहनों की रजिस्ट्री आदि पटौदी सब डिवीजन के संबंधित कार्यालय में लंबित पड़े हुए थे । अऐसे में लगभग एक लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस के विवादों का भी निपटारा करते हुए आवेदकों को ईमानदारी के साथ राहत दिलाई गई । सबसे महत्वपूर्ण सवाल के जवाब में उन्होंने कहा आरटीआई और सीएम विंडो पर शिकायतें लगाना, यह आज के समय में एक सामान्य प्रक्रिया लोगों के द्वारा बना ली गई है। लेकिन आज जब वह पटौदी से रिलीव होकर जा रहे हैं तो इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि केवल मात्र दो या तीन सीएम विंडो की जांच लंबित हैं और इसके अलावा तीन या चार अन्य प्रकार की जांच होना बाकी है । अन्यथा यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि आरटीआई सहित सीएम विंडो पर लगी हुई शिकायतें के समाधान नहीं होने से किस प्रकार की संबंधित अधिकारियों को अनावश्यक शिकायत झेलने के लिए मजबूर होना पड़ जाता है ।

डिफेंस में अपनी सेवाएं दे चुके पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा बताया गया कि एक पूर्व फौजी होने के नाते पटौदी क्षेत्र के पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा पटौदी में सैनिक कैंटीन और सैनिक विश्राम गृह बनाने की या बनवाने की मांग भी उनके समक्ष लाई गई । इस दिशा में हेली मंडी में लगभग पौने 2 एकड़ जमीन का चयन करके यहां पर पूर्व सैनिकों के लिए विश्राम गृह और कैंटीन की स्थापना करने के लिए प्रस्ताव जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया हैैै। इस मामले में पूरी उम्मीद है जल्द ही पटोरी क्षेत्र के पूर्व सैनिकों का यह सपना भी पूरा हो जाएगा । इसी प्रकार से पटौदी क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय का प्रपोजल भी संबंधित विभाग और अधिकारियों के पास उन्होंने व्यक्तिगत रुचि लेकर इसको बनाने के लिए जनहित में भेजा हुआ है । एसडीएम प्रदीप कुमार ने कहा फरुखनगर क्षेत्र भी पटौदी विधानसभा क्षेत्र का ही एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक हिस्सा है , फरुखनगर में दो पुलिस पोस्ट स्थापित करने के लिए भी जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास रिकमेंडेशन भेजी गई है ।

एक अन्य सवाल के जवाब में पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने कहा पटौदी और हेलीमंडी दोनों नगर पालिका मिलकर अब पटौदी मंडी नगर परिषद बन चुके हैं। अब ऐसे में पटौदी में ही कॉलेज के नए भवन का निर्माण किया जाना तथा पटौदी मंडी परिषद क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण के लिए जमीन का चयन फाइनल करने के लिए भी पटौदी मंडी परिषद के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं । स्टेडियम के बनने के बाद इसका सबसे अधिक युवा वर्ग को ही लाभ मिलना निश्चित है । इसी कड़ी में उन्होंने बताया उनके कार्यकाल के दौरान पटौदी क्षेत्र में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजना पटौदी का बाईपास शामिल रहा , लेकिन किन्ही तकनीकी कारणों के वजह से इस बाईपास का निर्माण कार्य केवल मात्र एक चौथाई ही अभी तक हो सका है । एसडीएम प्रदीप कुमार ने कहा उम्मीद है कि आने वाले समय में यदि किसी प्रकार की अन्य कोई तकनीकी परेशानी या बाधा नहीं आई तो पटौदी बाईपास का तीन चौथाई हिस्सा भी जल्द से जल्द बनकर पटौदी में लगने वाले जाम की समस्या का स्थाई समाधान करने में कामयाब रहेगा ।

इस मौके पर रवाना होने से पहले पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को वरिष्ठ पत्रकार फतह सिंह उजाला के पुत्र भरत के द्वारा बनाई गई एक विशेष पेंटिंग उपहार स्वरूप पत्रकार साथियों में शामिल रफीक खान ,राधे पंडित और एसडीएम ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों ईश्वर, विकास ,सतीश, प्रदीप, महिपाल, राकेश के द्वारा सामूहिक रूप से स्मृति चिन्ह के तौर पर भेंट की गई । गौरतलब है कि यह पेंटिंग लगभग आधा दर्जन राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में शामिल होने का भी गौरव प्राप्त कर चुकी है । इसी मौके पर पटौदी के एसडीएम ने कहा पटौदी के देहात में सबसे अधिक समस्याएं अवैध कब्जों को लेकर है क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बड़ा कला में गंदे पानी की निकासी के लिए 2 एकड़ जमीन में करीब 44 लाख रुपए की लागत से एसटीपी का निर्माण भी करवाया जा रहा है । इतना ही नहीं जब उन्होंने यहां पटौदी में जिम्मेदारी संभाली उस समय उनके संज्ञान में विभिन्न गांव के गरीब तबके के लोगों को सरकार की योजना के तहत उपलब्ध करवाए गए प्लाट और कब्जों की समस्या भी उनके संज्ञान में लाई गई इस मामले में संबंधित विभाग और अधिकारियों के साथ मिलकर जितना अधिक संभव हो सका जरूरतमंद प्लाट धारकों को उनके प्लाटों की रजिस्ट्री और कब्जे भी उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया ।

ज्वाइंट डायरेक्टर हरियाणा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में नियुक्ति के बाद किस प्रकार कार्यों को प्राथमिकता प्रदान   करेंगे ? इसके जवाब में एसडीएम प्रदीप कुमार ने कहा अब यह तो अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के बाद ही पता लगेगा किीज्वाइंट डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट विभाग में उन्हें किस प्रकार के कार्य करने का मौका विभाग और सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है । लेकिन जिस प्रकार से पटौदी में रहते हुए उनके द्वारा जनहित के सामूहिक विकास कार्यों और समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता प्रदान की गई है । ठीक उसी प्रकार से ही अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ में निभाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।

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