अधिग्रहण मुक्त या 11 करोड मुआवजो की मांग पर लगातार धरना जारी

जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति गुरुवार को लेगी निर्णायक फैसला

प्रतिनिधि मंडल की सीएम से जमीन के मुद्दे को 18 नवंबर को हुई थी बातचीत

सीएम के द्वारा दिया गया 15 दिन में समस्या के समाधान करने का भरोसा

जमीन बचाओ किसान बचाओ समिति का गुरुवार को 170 में दिन में धरना प्रवेश

फतह सिंह उजाला

मानेसर/पटौदी ।  दक्षिणी दिल्ली के साथ लगतें और दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के बगल में मौजूद औद्योगिक क्षेत्र मानेसर निगम एवं मानेसर सबडिवीजन के दायरे में 18 10 एकड़ जमीन का मामला एक बार फिर से गर्म होता दिखाई दे रहा है। बुधवार को किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा प्रभावित किसानों निवासियों छोटे-मोटे कामगारों सहित अन्य लोगों का आह्वान किया गया है कि गुरूवार को मानेसर में चल रहे धरना स्थल पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर अपनी एकता और ताकत का परिचय कराएं ।

इस संदर्भ में बताया गया है कि किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा पटौदी के एमएलए से मुलाकात के बाद एक बार फिर से 18 नवंबर को पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे सरपंच महेश चौहान, नरसिंह चौहान, एडवोकेट विनोद चौहान, बिट्टू कासन, महेश गोयल, बंटी कासन , वीरेंद्र , देशराज , केशव व अन्य के द्वारा सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपकर सीएम मनोहर लाल खट्टर से जमीन के इस विवाद को जल्द से जल्द समाप्त करने का अनुरोध किया गया ।

इस मौके पर विशेष रूप से मुख्यमंत्री के साथ प्रधान सचिव वी उमाशंकर , पूर्व एडीजीपी सीआईडी अनिल  राव , मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती मौजूद रहे थे। किसान बताओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े हुए सत्यदेव सरपंच, भूपेंद्र ,बंटी कासन ,राजू यादव, राजेंद्र सहारावन ,मुकेश जांगड़ा, धर्मपाल प्रजापत, सुरेंद्र शमा, ,ओंकार बांस लंाबी, सुंदर चौहान ,राजवीर मानेसर, मोती, ईश्वर, संजय पंडित ,पन्नालाल, वीरेंद्र यादव, महिपाल के मुताबिक सीएम से 18 नवंबर को हुई मुलाकात के बाद  सीएम द्वारा के द्वारा दिया गया 15 दिन का समय सीमा लगभग अब समाप्त हो चुकी है । ऐसे में मानेसर क्षेत्र के गांव सहारावन ,कुकरोला, फाजिल वास ,मोकलवास ,फखरपुर, खरखड़ी, बॉस लांबी, और कासन की 1810 एकड़ जमीन के मामले में किसी भी प्रकार की राहत संबंधित छोटे-छोटे किसानों और जमीन मालिकों को नहीं मिल पा रही है । हालांकि इस मुलाकात के दौरान सीएम के द्वारा प्रतिनिधिमंडल को कई प्रकार के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए उनके समक्ष रखे गए, लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि यदि अन्य प्रभावित किसानों और जमीन मालिकों को इस प्रस्ताव पर किसी भी प्रकार की परेशानी या असहमति ना हो तो सरकार जल्द से जल्द समाधान का रास्ता निकालने के लिए तैयार है ।

इसी दौरान किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा अपनी एक ही मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है, कि हरियाणा सरकार और एचएसआईडीसी 18 10 एकड़ जमीन को अधिग्रहण के दायरे से पूरी तरह मुक्त करें या फिर प्रति एकड़ 11 से 15 करोड़ रुपए प्रभावित किसानों और जमींदारों को भुगतान किया जाए।  इस बीच में आंदोलनकारी जिनमें की बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही , उनके द्वारा देश के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की भी इजाजत मांगी जा चुकी है । इतना ही नहीं पीएम मोदी के नाम भी अपना एक मांग पत्र दिल्ली पुलिस के माध्यम से सौंपा जा चुका है । इसके अतिरिक्त हरियाणा सरकार के सीएम मनोहर लाल खट्टर , डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला , एचएसआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनेक दौर की बातचीत होने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है ।

अब ऐसे में एक बार फिर से 18 10 एकड़ जमीन के लिए संघर्षरत किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा आह्वान किया गया है कि गुरुवार को सभी प्रभावित परिवार और किसान अधिक से अधिक संख्या में धरना स्थल पर एकत्रित होकर अपनी एकता और अखंडता का परिचय कराएं यहीं । इसी महत्वपूर्ण बैठक में ही आगामी रणनीति पर भी विचार किया जाएगा , इतना ही नहीं गुरुवार को भविष्य के लिए कोई ना कोई ठोस रणनीति भी अवश्य बनाई जाएगी।  किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा यह भी कहा गया है कि गुरुवार को बैठक संपन्न होने के बाद  गुरुग्राम के डीसी से मुलाकात कर अपनी मांगों से संबंधित एक मांग पत्र भी हरियाणा सरकार के सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम व अन्य संबंधित अधिकारियों के लिए भी सोपेगे। अब देखना यह है कि गुरुवार को मानेसर तहसील के सामने किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति का चल रहा धरना प्रदर्शन गुरुवार को कितना अधिक प्रभावशाली और निर्णायक साबित रहेगा।