अपने निकटतम  भाजपा की मधु सारवान को 1780 वोट से दी शिक्कशत 

जजपा नेता पुत्री दीपाली चौधरी ने पहली बार सक्रिय राजनीति में चौंकाया

केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत से आशीर्वाद प्राप्त कर ही चुनावी मैदान में उतरी

वार्ड नंबर 9 जिला परिषद चुनाव में बना रहा अंतिम समय तक हॉट सीट

वार्ड नंबर 9 से मधु की पराजय के बाद भाजपा खेमे में पसा सन्नाटा

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम/पटौदी ।   वर्ष 2022 का दूसरा अंतिम महीना नवंबर माह में 27 नवंबर संडे राजनीतिक नजरिए से सरप्राइजिंग संडे ही साबित हुआ है । खासतौर से भाजपा जिला इकाई ,  भाजपा जिला अध्यक्ष , भाजपा चुनाव सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली कमेटी के सदस्य और सबसे महत्वपूर्ण ऑल ओवर चुनाव प्रभारी सहित अलग-अलग 10 वार्ड में बनाए गए भाजपा के चुनाव प्रभारी के लिए राजनीतिक नजरिए से सरप्राइजिंग संडे ने निश्चित ही चौकाने से अधिक भाजपा नेताओं को भविष्य की राजनीति के लिए चिंतन और मंथन करने का समय रहते मौका प्रदान करने का काम किया है । जिला परिषद चुनाव के लिए अनुसूचित महिला वर्ग के वास्ते आरक्षित, जिला परिषद चेयरमैन पद सहित वार्ड नंबर नो भी अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित था ।  ऐसे में भाजपा के द्वारा और भाजपा जिला चुनाव समिति के द्वारा एकाएक फैसला लिया गया कि जिस प्रकार से देश में मोदी की लहर और प्रदेश में सीएम मनोहर लाल सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनकर का डंका बज रहा है । उन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जिला परिषद चुनाव पार्टी सिंबल पर ही उम्मीदवारों को लड़वाए जाएं । बहरहाल यह फैसला भाजपा संगठन का अपना ही फैसला रहा, जो भी फैसला किया वह पार्टी हित और पार्टी के भविष्य को ध्यान में रखकर ही किया गया होगा ।

कुल मिलाकर 27 नवंबर सरप्राइजिंग संडे के दिन दीपाली चौधरी ने जननायक जनता पार्टी समर्थित होते हुए भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए अपने सबसे निकटतम और हरियाणा में सरकार सहित राजनीतिक गठबंधन को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मधु सारवान को 1780 वोट से पराजित कर गुरुग्राम की जिला परिषद की चेयरमैन की ताजपोशी अपने नाम कर ली । इसी वार्ड से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मधु सारवान को 6148 ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त हुआ। इसके मुकाबले दीपाली चौधरी को 7928 ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त हुआ । कुल मिलाकर राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो दीपाली चौधरी के द्वारा अपना चुनाव अभियान और नामांकन करने से पहले अहीरवाल के क्षत्रप केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह के दिल्ली आवास पहुंचकर अपने पिता जननायक जनता पार्टी के नेता दीपचंद व अन्य समर्थकों की मौजूदगी में विजय श्री का आशीर्वाद भी प्राप्त किया गया। हालांकि इस बात से इंकार नहीं की राव इंद्रजीत सिंह के पास जितने भी चुनावी उम्मीदवार पहुंचे, उन्होंने सभी को अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं कामयाबी के लिए प्रदान की।

लेकिन लोकतंत्र में अंतिम फैसला मतदान के द्वारा और मतदाताओं के माध्यम से ही होता है । जिस प्रकार से सबसे हॉट सीट वार्ड नंबर 9 सहित सभी 10 वार्डों में नामांकन के 3 दिन पहले विभिन्न वार्डों में उम्मीदवारों का चयन करते हुए नामांकन से 1 दिन पहले उम्मीदवारों की घोषणा की गई। राजनीतिक जानकारों के लिए यही फैसला भाजपा के लिए मौजूदा जिला परिषद चुनाव में सबसे अधिक घाटे का सौदा साबित भी हुआ है । राजनीतिक की पकड़ और पहचान रखने वालों के मुताबिक ऐसे लोग जिनको सक्रिय राजनीति और चुनाव लड़ने लड़ाने का लंबा अनुभव है, यदि उनकी बात पर विश्वास किया जाए तो किसी भी प्रकार के चुनाव हो जब पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने की बात होती है तो उम्मीदवारों का उनकी संबंधित पार्टी के प्रति समर्पण , कब से काम कर रहे हैं और कितना जनता के बीच में पकड़ है ? यह सीधा-सीधा आकलन और विश्लेषण किया जाना आवश्यक होता है ।

पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़वाते समय व्यक्ति विशेष या फिर नेता विशेष की व्यक्तिगत पसंद को किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा या चुनाव समिति के द्वारा खास तवज्जो देने की परंपरा भी नहीं रही है । मौजूदा जिला परिषद चुनाव में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की टिकटों को लेकर बंदरबांट के आरोप सही चर्चाओं का बाजार गर्म है , अब यह उसी का परिणाम सामने आया है कि सरप्राइजिंग संडे 27 नवंबर को भाजपा के खेमे में या भाजपा के समर्थित पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले केवल मात्र 4 उम्मीदवार ही चुनाव जीतने में कामयाब रह सके हैं । इसमें भी यदि विधानसभा क्षेत्र के मुताबिक विश्लेषण किया जाए तो पटौदी विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पार्टी सिंबल पर 6 उम्मीदवार उतारे गए और इनमें से केवल मात्र भाजपा के दो उम्मीदवार वार्ड नंबर 5 से श्रीमती रितु यादव और वार्ड नंबर 7 से श्रीमती अंजू देवी ही चुनाव जीतने में सफल रही हैं । इसके अतिरिक्त अन्य 4 वार्डों में आजाद उम्मीदवार कहे या फिर अन्य पार्टी से संबंधित उम्मीदवार, वह उम्मीदवार भाजपा और भाजपा के कमल पर भारी ही साबित हुए हैं । खास बात यह है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद समाचार लिखे जाने तक भारतीय जनता पार्टी के जिला स्तर से लेकर भारतीय जनता पार्टी पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक सहित सभी 10 वार्डों में भाजपा के द्वारा बनाई गई चुनाव प्रभारियों में से किसी का भी अधिकारिक बयान चुनाव परिणाम के दृष्टिगत सामने नहीं आ सका है । सबसे खास बात यह रही कि 27 नवंबर सरप्राइजिंग संडे को पटौदी क्षेत्र के एमएलए और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवेकेट जरावता के द्वारा अपने मानेसर आवास पर ही उपलब्ध रहने का पहले से समर्थकों के बीच संदेश प्रसारित किया गया , लेकिन कथित रूप से उनके मानेसर आवास पर भी जानकारों के मुताबिक सन्नाटा ही दिखाई दिया ।

जिला परिषद के लिए वार्ड नंबर 9 से जितने भी उम्मीदवार अपनी अपनी किस्मत जिला परिषद चेयरमैन के लिए आजमाने वालों में शामिल रहे , यदि उनको प्राप्त हुए वोट संख्या पर ध्यान दिया जाए तो इसमें पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्र वधू अनु पटौदी को 920 ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त हुआ, पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी को 848 ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त हुआ, प्रीति रानी 424 ग्रामीणों का विश्वास जीतने में सफल रही , सबसे अधिक खस्ता हालत विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संगठनों से जुड़े रहने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी राजबाला को केवल मात्र 72 लोगों के द्वारा ही समर्थन दिया गया । इसी कड़ी में शकुंतला सिंह को 876 ग्रामीण मतदाताओं के द्वारा अपना समर्थन प्रदान किया गया , सुनील देवी को 379 तथा बीते जिला परिषद चुनाव में जननायक जनता पार्टी के ही नेता पूर्व जिला पार्षद दीपचंद जिन की पुत्री 27 नवंबर सुपर सरप्राइजिंग संडे को गुरुग्राम जिला परिषद के चेयरमैन बनी है , यहां दीपावली के मुकाबले संगीता कुमारी को 2813 वोट का समर्थन ग्रामीणों के द्वारा प्रदान किया गया है ।

कुल मिलाकर 27 नवंबर सुपर सरप्राइजिंग संडे निश्चित ही जिला भाजपा इकाई भाजपा के जिला अध्यक्ष वह संगठन से जुड़े अन्य बड़े नेताओं के साथ-साथ पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के लिए भी भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए कहीं ना कहीं चिंतन और मंथन करने के लिए अवश्य ही विवश करने के लिए पर्याप्त हो सकता है । इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक एवं गुरुग्राम ब्लॉक के सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सरपंच सुंदरलाल के द्वारा दिए गए बयान पर ध्यान दिया जाए तो उनका यही कहना है कि पार्टी के द्वारा पार्टी सिंबल पर जिला परिषद चुनाव लड़ने का फैसला बिल्कुल सही और उचित फैसला पार्टी संगठन के द्वारा किया गया। सुंदरलाल के मुताबिक नामांकन से 3 दिन पहले ही किस किस उम्मीदवार को पार्टी सिंबल पर किस वार्ड से चुनाव लड़ जाना है , इसके लिए दावेदारों से आवेदन प्राप्त किए गए । हैरानी इस बात को लेकर है केवल मात्र 72 घंटे के अंदर ही 10 के 10 ऐसे उम्मीदवारों का पूरी तरीके से बायोडाटा खंगाल कर उनके द्वारा किए गए बीते 2 से 3 दशक के कार्य तक का विश्लेषण करके टिकट भी हाथ में थमा दी गई । यह शायद पहला मौका है जब देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के गुरुग्राम जिला के धुरंधर भाजपा नेताओं के द्वारा केवल मात्र 72 घंटे में ऐसे जिताऊ और ठोस उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया? जिन को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी गुरुग्राम जिला परिषद चुनाव में सभी 10 सीटों पर अपनी जीत का और भारतीय जनता पार्टी का झंडा फहराने का अपने ही मन में या अपने ही विचार में पहले से शायद इरादा बनाए बैठी थी ।

अब जिस प्रकार से चुनाव परिणाम सामने आए हैं , भाजपा जिला इकाई भाजपा की जिला टिकट वितरण कमेटी सहित इससे ऊपर और भी हाईकमान भाजपा नेताओं को भी इस बात पर चिंतन और मंथन करना अवश्य हो गया है कि आखिरकार ऐसे क्या कारण रहे के जो भाजपा के इरादों पर मतदाताओं ने रायता ही फैलाने का काम कर दिखाया है । बहरहाल अभी तो चुनाव परिणाम आए हैं , भाजपा के नेताओं में और भाजपा संगठन में चुनाव परिणाम को लेकर किस वार्ड से कौन जीता-क्यों जीता और भाजपा का उम्मीदवार क्यों हारा ? इस पर भी गंभीरता से चिंतन मंथन होना तय है। इसके बाद जो भी आरोप-प्रत्यारोप निकल कर आएंगे अब लोगों की नजरें उसी पर ही अधिक टिकी हुई दिखाई दे रही हैं। 

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