गुरुग्राम में पर्यावरण की हालत बेहद चिंतनीय, लगी हैं गे्रप की पाबंदियां
याद कर रहे थे पृथ्वीराज चौहान को या प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। कल झज्जर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण किया गया था। उस अवसर को गरिमामय बनाने के अनेक प्रयत्न किए गए। भाजपाईयों ने इसे अपनी राजनीति चमकाने का शॉटकट भी समझ लिया। 

ये विचार मेरे मन में तब आया जब पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल की प्रेस विज्ञप्ति आई। विज्ञप्ति पढक़र याद आई किसी लेखक की पंक्तियां— 

लगाया नाम का पत्थर, खड़ा करके चौराहों पर।

तुम्हें वह जानते थे, अब पहचान जाएंगे।

तुम्हे जीना-तुम्हें मरना सिखाने कौन आएंगे।

गुरुग्राम पिछले काफी समय से पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है। निगम की ओर से अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। उपायुक्त की ओर से जनता को अपील की जा रही है पर्यावरण संरक्षण की लेकिन भाजपा हरियाणा के पर्यावरण विभाग के प्रमुख नवीन गोयल शायद इन बातों से अंजान हैं, तभी तो लगभग हर सडक़ पर कूड़े के खत्ते मिल जाते हैं, सडक़ों पर अतिक्रमण की भरमार है, जिसके कारण कई बार तो तीन किलोमीटर का रास्ता तय करने में 30 मिनट भी लग जाते हैं।

ऐसी अवस्था में इनकी ओर से कोई सार्थक कदम तो पर्यावरण को लेकर तो देखे नहीं गए। हां, जब जिला परिषद के चुनाव हो रहे थे तब किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं थी, तब उन्होंने झंडी दिखाकर बाकायदा इवेंट बना पानी का छिडक़ाव किया, जबकि निगम इन कार्यों में लगातार कार्य कर रहा है। वहां भी राजनीति ही दिखाई दी। आगे कुछ कहने से पहले मैं आपके सामने प्रस्तुत करना चाहूंगा उनके द्वारा भेजी गई विज्ञप्ति :

गुरुग्राम से कुलाना तक आकर्षण का केंद्र रहा  नवीन गोयल का 171 गाडिय़ों का काफिला

गुरुग्राम। हिंदू ह्दय सम्राट पृथ्वीराज चौहान अमर रहे, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, सीएम मनोहर लाल जिंदाबाद, ओमप्रकाश धनखड़ जिंदाबाद। कुछ इसी तरह के नारे रविवार को गुरुग्राम से झज्जर जिला के गांव कुलाना तक सुनाई देते रहे। झज्जर में पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा के अनावरण समारोह में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल 171 गाडि$यों के काफिले के साथ पहुंचे। इसी काफिले में लगाए गए नारों से लोगों का ध्यान काफिले पर ही टिका रहा। 

रविवार को कुलाना गांव में पृथ्वीराज चौहान की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। इस समारोह में भाजपा हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के मार्गदर्शन में गुरुग्राम से नवीन गोयल ने विशेष तैयारी के साथ कुलाना के लिए कूच किया। रोहतक में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में धारा 370 को हटाने के लिए यादगार बनाने को जिस तरह नवीन गोयल 370 गाडि$यों के काफिले के साथ गए थे, ठीक उसी तरह से कुलाना में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा अनावरण समारोह में वे 171 गाडि$यों के काफिले के साथ पहुंचे। उनके काफिले में कार्यकर्ताओं का जोश और जुनून देखते ही बनता था। नवीन गोयल के एक बुलावे पर हजारों कार्यकर्ताओं ने कुलाना रैली में जाने की तैयार की और रविवार की सुबह रवानगी की। नवीन गोयल ने कहा कि हिंदू ह्दय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की 50 लाख रुपये के खर्च से 16 फीट ऊंची प्रतिमा लगाकर उनका सम्मान बढ़ाया है। 

आज मैंने पर्यावरण संरक्षण विभाग के हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल से फोन पर बात कर पूछा कि इस तरह गाडिय़ां ले जाने से क्या पर्यावरण दूषित नहीं होता? आप तो पर्यावरण विभाग के प्रमुख हैं तो उनकी तरफ से उत्तर मिला कि पर्यावरण तो दूषित होता है लेकिन आप देखों लाखों गाडिय़ां सडक़ पर और भी तो चल रही हैं। 

इस विज्ञप्ति में आप पढ़ेंगे, उन्होंने लिखा है कि हम पृथ्वीराज चौहान अमर रहे, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, सीएम मनोहर लाल जिंदाबाद, ओमप्रकाश धनखड़ जिंदाबाद के नारे लगाते गए। उन्होंने यह नहीं लिखा कि हमने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी नारे लगाए। इस बात से स्पष्ट जाहिर होता है कि नरेंद्र मोदी तो भाजपाईयों के सांस में हैं और हरियाणा में राजनीति करनी है तो सीएम मनोहर लाल और ओमप्रकाश धनखड़ से ही आगे बढ़ेंगे तो इन्होंने इन्हीं के नारे लगाए।

ऊपर आपने पढ़ा होगा कि इन्होंने लिखा है कि प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ के मार्गदर्शन में इन्होंने यह तैयारी की। साथ ही यह भी लिखा है कि जो हजारों व्यक्ति आए वे नवीन गोयल के बुलावे पर आए। अर्थात यह कहना चाहते हैं कि इनका नाम पृथ्वीराज चौहान, सत्ता के सिरमोर नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के काल मनोहर लाल और मोदी के विश्वस्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के कारण नहीं आए, वे केवल नवीन गोयल के बुलावे से आए हैं। 

साथ एक बड़ा प्रश्न दिमाग में चल रहा है कि भाजपा तो अनुशासित पार्टी है और हर कार्य अनुशासन में करती है। मेरी जानकारी में यह है कि जिला के सारे कार्य जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में होते हैं लेकिन यहां नवीन गोयल की मार्फत ओमप्रकाश धनखड़ ने मार्गदर्शन कर गुरुग्राम से लोगों को समारोह के लिए बुलाया। अब यह जानने का प्रयास किया कि भाजपा में किसका-किसका महत्व है तो ज्ञात हुआ कि सबसे अधिक शक्तिशाली जिला कार्यकारिणी होती है, जिसमें जिले के मंडल भी आते हैं। उसके पश्चात मोर्चे होते हैं किसान मोर्चा, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा। इनके बाद भाजपा ने कुछ लोगों को और जोडऩे के लिए प्रकोष्ठों और विभागों की संरचना की है। तात्पर्य यह कि भाजपा के प्रोटोकॉल के अनुसार यह उचित नहीं लगता कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अनदेखा कर नवीन गोयल को कैसे यह जिम्मेदारी दी? दी भी या यह नवीन गोयल ने स्वयं ही लिख दिया? इस प्रश्न का फैसला भाजपा कार्यकारिणी स्वयं करे।

बातें तो बहुत हैं कहने के लिए लेकिन संक्षेप में यही बात कहना उचित होगा कि शहीदों और महापुरूषों को याद करो तो दिल से याद करो, उनमें अपनी राजनीति न ढूंढो।

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