– बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के काम में तेजी लाने और बाधाओं को दूर करने के लिए जारी किए गए निर्देश

गुरुग्राम, 10 नवंबर: गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में स्थानीय अधिकारियों की समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई और आगे की कार्यवाही के निर्देश दिए गए। इस बैठक में गुरुग्राम के उपायुक्त श्री निशांत यादव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की प्रशासक श्रीमती जसप्रीत कौर, नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी), नगर निगम मानेसर (एमसीएम), यातायात पुलिस, पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर), हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी), हरियाणा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) और सिंचाई विभाग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने ग्वाल पहाड़ी के लाइसेंस प्राप्त क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति के लिए एचएसवीपी द्वारा लगभग 2100 मीटर लंबी शेष जल पाइपलाइन बिछाने की स्थिति की समीक्षा की। प्रशासक एचएसवीपी ने कहा कि इस संबंध में निविदा जल्द ही आमंत्रित की जाएगी। जीएमडीए ने इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।  

जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सभी स्थानीय अधिकारियों को लंबित बाधाओं को दूर करने और नागरिकों के लाभ के लिए किए गए विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से परियोजनाओं पर काम करने के निर्देश दिए। संबंधित विभागों को बिजली के खंभों, किसी भी भौतिक संरचनाओं, पेड़, अतिक्रमणों और किसी भी अन्य प्रतिबंधात्मक कारकों के अपेक्षित स्थानांतरण पर ध्यान देना चाहिए जो बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

गार्डन एस्टेट के निवासियों द्वारा उठाई गई शिकायतों के समाधान के लिए आज की बैठक में सोसायटी के आरडब्ल्यूए के सदस्य भी मौजूद थे। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एमसीजी अधिकारियों को गार्डन एस्टेट और विद्या स्कूल के सामने कचरे के अनधिकृत डंप को साफ करने का निर्देश दिया, जिसे निवासियों ने उजागर किया था। उन्होंने गार्डन एस्टेट के सामने ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए। जीएमडीए और एमसीजी की टीमें सोसायटी के पीछे अवैध अतिक्रमणों के कारण बारिश के पानी की नालियों में रुकावट का पता लगाने के लिए एक संयुक्त निरीक्षण भी करेंगी।

एमसीजी के मुख्य अभियंता श्री राधेश्याम ने यह भी प्रस्तुत किया कि एमसीजी बूस्टिंग स्टेशनों के उन्नयन के लिए जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसारय 10 बूस्टिंग स्टेशनों की पहचान की गई है और उनकी दक्षता में सुधार के लिए काम चल रहा है जिसमें सुशांत लोक ब्लॉक, ग्राम दरबारीपुर और सरस्वती विहार में बूस्टिंग स्टेशनों की मरम्मत और उन्नयन का काम पूरा हो चुका है और इसके बाद इन क्षेत्रों में जलआपूर्ति में सुधार हुआ है। गांव सरहौल के 2 बूस्टिंग स्टेशन और सेक्टर 5 के एक बूस्टिंग स्टेशन के कार्य को सौंप दिया गया है । शेष चार बूस्टिंग स्टेशनों के लिए अनुमान स्वीकृत किए जा रहे हैं।

इस समन्वय बैठक में क्रीक नंबर 1 में सेक्टर-42 में सीवर के निपटान से संबंधित मुद्दा भी उठाया गया था, जिसमें एमसीजी के मुख्य अभियंता ने प्रस्तुत किया कि इस कार्य के लिए अनुमान को मंजूरी दे दी गई है। इस बीच, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जब तक परियोजना पूरी नहीं हो जाती, तब तक सेक्टर 42 के सीवेज को मास्टर सीवर लाइन में बदलने के लिए एक अस्थायी व्यवस्था/पद्धति पर विचार किया जा सकता है।

इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि जीएमडीए द्वारा राज्य सरकार स्तर पर सेक्टर 44 में पार्किंग स्थलों के लिए एनओसी जारी करने के लिए ‘स्मार्ट पार्किंग‘ अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी।

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