उपचुनाव में वोटिंग महज औपचारिकता, कांग्रेस की जीत तय- जयप्रकाश
हार की बौखलाहट में दलित व पिछड़ा समाज के लोगों को धमका रहे हैं बिश्नोई समर्थक- जयप्रकाश
बिश्नोई को नहीं चाहिए दलित और पिछड़ों का वोट- जयप्रकाश
अपना एक-एक वोट पोल करेगा दलित व पिछड़ा समाज, नहीं चलेगी बिश्नोई की गुंडागर्दी- जयप्रकाश

2 नवंबर, हिसारः कुलदीप बिश्नोई परिवार आदमपुर उपचुनाव के नतीजे आने से पहले ही यहां से विदा हो जाएगा। क्योंकि उपचुनाव में वोटिंग की महज औपचारिकता बाकी है। हलके की जनता कांग्रेस को अपना एक-एक कीमती वोट देने का मन बना चुकी है। यह दावा किया है कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी ने। जेपी आज वोटिंग से एक दिन पहले घर-घर जाकर लोगों से मतदान की अपील कर रहे थे।

इस मौके पर मिल रहे प्यार और समर्थन को देखकर वह काफी उत्साहित नजर आए। जेपी ने कहा कि जब बिश्नोई समर्थकों को बीजेपी की हार स्पष्ट नजर आने लगी तो वो बौखलाहट में दलित और पिछड़ा वर्ग को धमकाने का काम कर रहे हैं। बिश्नोई के समर्थक एससी और ओबीसी समाज को कह रहे हैं कि उन्हें इनकी वोट नहीं चाहिए। लेकिन कुलदीप बिश्नोई कान खोलकर सुन लें, कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता गरीब, दलित और पिछड़े समाज के साथ मजबूती से खड़ा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने उनको वोट करने का जो अधिकार दिया है, उसे कोई नहीं छीन सकता। वो अपने एक-एक कीमती वोट को पोल करके इस उपचुनाव में बिश्नोई की गुंडागर्दी का अंत करेगा।

जयप्रकाश ने कहा कि आदमपुर की जनता कुलदीप बिश्नोई परिवार के ड्रामे से परेशान हो चुकी है। हर बार उनका परिवार वोट लेकर यहां से गायब हो जाता है। वह अपना ज्यादातर समय विदेश में बिताता है और फिर चुनाव के वक्त माफी मांगकर एकबार फिर जनता का वोट ठगने की कोशिश करता है। इस बार भी कुलदीप बिश्नोई ने वहीं पैंतरा अपनाया है।

लेकिन जनता बार-बार इस झांसे में नहीं फंसना चाहती। लोगों का कहना है कि कुलदीप अपने बेटे को पढ़ने के लिए विदेश भेजते हैं और हमारे बच्चों के सरकारी स्कूलों को बंद करने वाली सरकार का समर्थन करते हैं। सिर्फ अपनी काली संपत्ति को बचाने के लिए उन्होंने आदमपुर की जनता के साथ धोखा किया है। जो व्यक्ति एक दलित प्रदेश अध्यक्ष के विरोध में इस्तीफा देता है, उसको समाज वोट नहीं देगा। उन्होंने हमेशा निजी स्वार्थ की राजनीति की है, कभी आदमपुर की भावनाओं की कद्र नहीं की।

यहीं वजह है कि आज हलके के स्कूलों में टीचर नहीं है, अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नहीं है, सड़कें टूटी पड़ी हैं, किसान सिंचाई के पानी और लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। चुनाव के दौरान भी अनदेखी का आलम यह है कि किसानों को एक कट्टा डीएपी खाद के लिए कई कई दिनों तक कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।

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