नगर निगम टीमों ने अक्तुबर माह में 65 उल्लंघनकर्ताओं के किए 10 लाख रूपए से अधिक के चालान
धूल को उडऩे से रोकने के लिए सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव, मैकेनिकल सफाई सहित उठाए जा रहे हैं अन्य कदम

गुरूग्राम, 27 अक्तुबर। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा गुरूग्राम सहित पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लागू किए गए गेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उल्लंघना करने वालों के नगर निगम गुरूग्राम द्वारा लगातार चालान किए जा रहे हैं। इसके तहत अक्तुबर माह में 65 उल्लंघनकर्ताओं के 10 लाख रूपए से अधिक के चालान किए गए हैं।

नगर निगम गुरूग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी सुभाष यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि गे्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान के लागू होते ही नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा द्वारा सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वे निगम क्षेत्र में नियमों की पालना गंभीरता से सुनिश्चित करें। निगमायुक्त के निर्देशों की पालना में टीमों द्वारा कचरा जलाने के मामले में 4 उल्लंघनकर्ताओं के 20 हजार रूपए के चालान, तंदूर जलाने के मामले में 5 उल्लंघनकर्ताओं के 7500 रूपए के चालान, बिना ढक़े निर्माण सामग्री के मामले में 34 उल्लंघनकर्ताओं के 535000 रूपए के चालान, अनाधिकृत स्थानों पर मलबा डालने के मामले में 16 उल्लंघनकर्ताओं के 305000 रूपए के चालान तथा धूल उड़ाने संबंधी अन्य गतिविधियां करने के मामले में 6 उल्लंघनकर्ताओं के 150000 रूपए के चालान किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान की पालना में धूल को उडऩे से रोकने के लिए सडक़ों व धूल उडऩे वाले संभावित हॉट स्पॉट पर टैंकरों के माध्यम से लगातार पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके लिए निगम क्षेत्र में 20 टैंकर कार्य कर रहे हैं तथा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से शोधित पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके अलावा, सडक़ों की सफाई मैकेनिकल की जा रही है। मैकेनिकल स्वीपिंग मशीने क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही हैं। निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा के निर्देशानुसार मैनुअल स्वीपिंग के दौरान भी पानी का छिडक़ाव शुरू किया गया है, ताकि धूल ना उड़े और वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर बना रहे।

नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा द्वारा अनुरोध किया गया है कि सभी नागरिक गे्रडिड रैस्पांस एक्शन प्लान की पालना करें तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें। ऐसी कोई भी गतिविधि ना करें, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़े।

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