शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई, कूड़े के ढेरों से गुजरना पड़ रहा है शहरवासियों को…हालात हो रहे बद से बदतर

गुडग़ांव, 27 अक्टूबर (अशोक) : नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। त्यौहार के सीजन में भी शहरवासियों को सडक़ पर फैली गंदगी से ही गुजरकर खरीददारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पिछले 9 दिन सेसफाईकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की हुई है। अब इस हड़ताल को 29 अक्तूबर तक बढ़ाने की घोषणा नगर पालिका कर्मचारी संघ ने कर दी है। शहर के मुख्य सदर बाजार का बुरा हाल है। बाजारों में कूड़े के ढेर लगे हैं और अब वे सडऩे भी शुरु हो गए हैं तथा उनमें बदबू उठने लगी है। शहरवासियों का कहना है कि वे नगर निगम को हर प्रकार के टैक्स का भुगतान करते हैं। नगर निगम की जिम्मेदारी हो जाती है कि वह शहरवासियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य का ख्याल करे।

सिविल लाइन क्षेत्र में नहीं हैं गंदगी
वैकल्पिक सफाई व्यवस्था कराई जाए, लेकिन नगर निगम इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि सिविल लाइन क्षेत्र की मुख्य सडक़ जिस पर नगर निगम आयुक्त, जिले के उपायुक्त सहित कई अन्य उच्चाधिकारियों के सरकारी आवास हैं। इस क्षेत्र में पूरी तरह से सफाई देखी जा रही है, जबकि पूरा शहर गंदगी की चपेट में आया हुआ है।

कहां गए वे झाडू लगाकर फोटो खिचवाने वाले
शहरवासियों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के दौरान शहर की अधिकांश संस्थाएं व उनके प्रतिनिधि हाथों में झाडू लेकर फोटो खिंचवाते दिखाई दिए थे, लेकिन वे सभी आज पूरी तरह से गायब हैं। क्या उन्हें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ा हुआ कूड़ा-करकट व कचरा दिखाई नहीं देता। शहरवासियों का कहना है कि इन लोगों को शहर की हालत बद से बदतर न बने इस ओर ध्यान देना चाहिए।

सीवर व्यवस्था भी चरमराई
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सीवर व्यवस्था भी गड़बड़ानी शुरु हो गई है। कई क्षेत्रों में सीवर जाम की समस्या हो रही है। जिससे सडक़ों पर सीवर का गंदा पानी जमा हो गया है और लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है।

डेरा सच्चा सौदा की सफाई विंग को किया याद
शहरवासियों ने शहर की चरमराई सफाई व्यवस्था को देखते हुए डेरा सच्चा सौदा की सफाई विंग को भी याद किया। उनका कहना है कि डेरे के अनुयायियों ने एक ही दिन में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था। ऐसे में उनको याद किया जाना स्वभाविक है।

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