पुलिस शहीदी दिवस के अवसर पर गुरूग्राम की पुलिस लाइन में कार्यक्रम आयोजित

पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल रहे मुख्य अतिथि, शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर दी श्रद्धांजलि
गत वर्ष जान गंवाने वाले दो पुलिसकर्मियों के परिजनों को किया सम्मानित
हरियाणा बनने से लेकर अब तक हरियाणा पुलिस के 83 कर्मी दे चुके हैं प्राणों का बलिदान

गुरूग्राम, 21 अक्टूबर। पुलिस शहीदी दिवस के अवसर पर आज गुरूग्राम की पुलिस लाइन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल ने देशभर में पिछले एक वर्ष में अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय पुलिस सेवा के सभी 264 बलिदानियों को याद करते हुए पुलिस लाइन में बने ‘पुलिस शहीद स्मारक‘ पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने पिछले एक वर्ष में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए जान गंवाने वाले हरियाणा पुलिस के दो वीर सपूतों नामतः स्व0 डीएसपी सुरेन्द्र सिंह व स्व0 सिपाही संदीप कुमार के परिजनों को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) श्री आलोक मित्तल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) श्री संदीप खिरवार , गुरूग्राम की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, मंडलायुक्त आर सी बिढान तथा अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देश के पुलिस सेवा के सभी बलिदानियों को याद करते हुए पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल ने कहा कि आज हम भारतीय पुलिस सेवा के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्होंने देश की कानून-व्यवस्था को कायम रखने, देश की एकता और अखण्डता को बनाए रखने तथा नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा करने के अपने कर्त्तव्य को निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। आज का दिन हरियाणा पुलिस और भारतीय पुलिस सेवा के उन वीर सपूतों के अदम्य साहस और कर्त्तव्य-परायणता को समर्पित है जिसके चलते हर नागरिक स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य के गठन से लेकर अब तक 83 पुलिसकर्मियों ने राज्य और इसके नागरिकों की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। पिछले एक वर्ष में हरियाणा पुलिस के दो वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दी जिनके नाम स्व0 डीएसपी सुरेन्द्र सिंह व स्व0 सिपाही संदीप कुमार हैं।

इन दोनों वीर सपूतों के बलिदान को याद करते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि हिसार जिले के सारंगपुर गांव निवासी स्व0 डीएसपी सुरेन्द्र सिंह को नूंह इलाके में गश्त के दौरान पंचगांव की ओर पहाड़ियों में अवैध माइनिंग की सूचना मिली। इस दौरान डंपर चालक ने उन्हें टक्कर मारते हुए कुचल दिया। इस प्रकार, श्री सुरेन्द्र सिंह ने कर्तव्य परायणता एवं अदम्य साहस का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वीरगति प्राप्त की। इसी प्रकार, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच में तैनात स्व0 सिपाही संदीप कुमार की बदमाशों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से मृत्यु हो गई।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व व गृह मंत्री अनिल विज के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा जहां कर्तव्य परायणता के दौरान प्राणों का बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों व उनके आश्रितों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, वहीं पुलिस विभाग द्वारा भी दुर्घटना मृत्यु बीमा कवर के एक विशेष समझौते के तहत आश्रितों को 65 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। पेंशनरों के लिए दुर्घटना बीमा मृत्यु कवर के तहत दी जाने वाली राशि को 17 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा पुलिस एक और कल्याणकारी कदम उठाने जा रही है जिसके तहत पुलिसकर्मियों के मेधावी विद्यार्थियोे को 10 लाख रुपये की स्कोलरशिप देने का प्रस्ताव है, जोकि अभी सरकार के विचाराधीन है।

क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीदी दिवस
गौरतबल है कि 21 अक्तूबर 1959 को भारत-तिब्बत सीमा पर लद्दाख के क्षेत्र में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के दस जवान सीमा पर गश्त करते समय चीनी सैनिकों द्वारा घात लगा कर किए गए हमले का शिकार हुए थे। तभी से 21 अक्तूबर को पुलिस शहीदी दिवस के रूप में मनाने की परम्परा आरम्भ हुई थी। तब से आज तक देश में लगभग 35000 पुलिस कर्मियों ने कर्त्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। इन वीर सपूतों की कर्मभूमि कश्मीर की पहाड़ियों से लेकर नागालैंड और मणिपुर के घने जंगलों तक व चम्बल के बीहड़ों से लेकर कच्छ के रण तक रही है। इन्होंने हर समय आतंकवादियों, उग्रवादियों, अपराधियों व असमाजिक तत्वों से निपटते हुए भारत के जनमानस और भारत माता की सेवा की है। इनमें केन्द्र पुलिस संगठन के तहत कार्यरत बल जैसे भारत तिब्बत सीमा बल, सीआरपीएफ , सीआईएसएफ तथा बीएसएफ के जवान भी शामिल हैं।

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