किसान बचाओ-जमीन बचाओ कमेटी का ग्रामीणों से किया आह्वान
अपने  पालतू मवेशियों सहित महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हुए लामबंद
मानेसर क्षेत्र के आधा दर्जन गांव की जमीन का मामला फिर गरम
एक दिन पहले ही एमएलए जरावता को महिलाओं ने सौंपा मांग पत्र

फतह सिंह उजाला

मानेसर/पटौदी । दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते साइबर सिटी गुरुग्राम के दूसरे और हरियाणा के 11वें नगर निगम सहित सबडिवीजन मानेसर क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसानों एवं जमींदारों के द्वारा जो टूक कहा गया है कि अब अपनी जमीन को बचाने के लिए 6 अक्टूबर गुरुवार को अपने हक हकूक और जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करवाने की मांग के लिए दिल्ली पीएम मोदी से मुलाकात के लिए कूच किया जाएगा। मानेसर तहसील के सामने इसी मांग को लेकर बीते 107 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना भी जारी है ।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पटौदी से भारतीय जनता पार्टी से एमएलए और प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता से प्रभावित गांवों की महिलाओं के द्वारा मानेसर स्थित आवास पर पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में मांग पत्र सहित प्रार्थना पत्र सौंपकर एक बार फिर से मांग की गई कि 1810 एकड़ जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त किया जाए या फिर गठबंधन सरकार से और एचएसआईडीसी से इस जमीन को रिलीज करवाया जाए । मानेसर क्षेत्र के गांव कासन, मोकलवास, सहरावण, खरखड़ी , बांसलांबी , कुकरोला व अन्य गांव से हेमलता, कोयल देवी, सुशीला ,रेनू, मुन्नी, मुकेश देवी, संतोष शर्मा, प्रीति ,बीना देवी, सुमन, संतोष देवी, ललिता, संतरा, वीरमति, सुरेश, सोमवती, सरला, कविता, अनीता, बाला, निशा, पूजा, सरोज, रोशनी, विमला, सत्यवती, योगिता, रेनू सहित अन्य महिलाएं एमएलए एडवोकेट जरावता के मानेसर स्थित आवास पर पहुंची थी। जमीन के मामले के समाधान के लिए आधा दर्जन से अधिक विभिन्न स्तर पर सरकारी और किसान पक्ष के बीच में होने के बाद भी समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। पटौदी के एमएलए एडवोकेट के द्वारा विधानसभा में भी 1810 और 1128 एकड़ जमीन का मुद्दा उठाते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा चुका है। बीती 31 अगस्त को गुरूग्राम लघु सचिवालय का घेराव करने के साथ ही किसान बचाओं-जमीन बचाओ कमेटी के द्वारा, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम डीसी को सौपा ज्ञापन सौंप कर , मां-बाप, बेटा-बेटी व पति-पत्नी ने एक साथ मांगी इच्छा मृत्यु की मांग की जा चुकी है।

इसी कड़ी में किसान बचाओ-जमीन बचाओं कमटी के द्वारा साफ शब्दों में कहा गया है आने वाली 6 अक्टूबर गुरूवार तक हरियाणा सरकार संबधित 1810 और 1128 एकड़ के किसानों-जमीनदारों की समस्या का अगर समाधान नहीं करती है तो सभी किसान बुजुर्ग , नौजवान , मातृशक्ति और बच्चों सहित अपने-अपने पशुओं को लेकर मानेसर तहसील धरना स्थल से दिल्ली माननीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पैदल ही यात्रा  पर निकाल जाएंगे । पीएम मोदी से मिलकर अपनी जमीन का समाधान करवाएंगे, हमने हरियाणा सरकार से अपनी मांग बता रखी है कि सरकार सबसे पहले तो हमारी जमीन छोड़ दे। अगर किसी कारण सरकार जमीन नहीं छोड़ सकती है तो सरकार 11 करोड प्रति एकड के रेट से किसानों -जतीनदारों को मुआवजा दें । इसके साथ हमारी कॉलोनियों और ढाणीयो को भी अधिग्रहण के दायरे से छोड़ने का काम करें , लेकिन सरकार केवल 55 लाख रुपया मुआवजा देने पर अड़ी हुई है और 1000 गज का प्लाट देने की बात कर रही है । सरकार के यह दोनों ही प्रस्ताव की  कुल कीमत मिलाकर लगभग ढाई करोड़ के आसपास पहुंचती है। जो कि मानेसर क्षेत्र के प्रभावित किसान परिवारों कतई भी मंजूर नहीं है ।

11 करोड दे या जमीन को छोड़ दें
किसानों ने अपनी बात रखी है 11 करोड या हमारी जमीन छोड़ दें , इसके अलावा हमें और कोई बात मंजूर नहीं है। इसलिए सभी किसान गुरूवार 6 तारीख सुबह 9 बजे दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहे। यह यात्रा धरना स्थल मानेसर से शुरू होकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक जाएगी । जिनकी जमीन है , उन सभी को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिये । क्योंकि यह हमारे हक की लड़ाई है, अगर यह लड़ाई हमें जितनी है तो हमें अपना पूर्ण बलिदान देने के लिये भी तैयार रहना होगा।

हमारे बच्चों का कोई भविष्य नहीं
इलाके की समस्त सरदारी एवं जितने भी प्रदेश में देश में किसान यूनियन है या मजदूर किसान कर्मचारी संगठन है उनसे भी हम किसानों के द्वारा अनुरोध करते समर्थन मांगा गया हैं कि किसान-किसानी की इस लड़ाई में पदयात्रा में हमारा सहयोग करें। अगर जमीन नहीं बची तो हमारे पास हमारे बच्चों का कोई भविष्य नहीं बचेगा। अब देखना यह है कि गुरूवार को क्या किसान-जमीनदार गुरूग्राम सीमा पार कर दिल्ली सीमा में पहुंच सकेंगे या पहले ही नाकाबंदी कर किसानों के दिल्ली कूच को रोक दिया जाएगा।

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