फसल खराबे की रिपोर्ट, आंकलन, वेरिफिकेशन मुआवजा में कारगर

किसान हित में हरियाणा सरकार की पहल, ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
बरसात से तबाह हुई फसलों का पारदर्शिता से आंकलन करने और उसी अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए हरियाणा सरकार ने श्ई-क्षतिपूर्ति पोर्टलश् शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब सीधे ही भारी बारिश से उनकी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेंगे।

गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव  ने बताया कि जिला में हुई बरसात से जिन किसानों की फसल क्षतिग्रस्त या ख़राब हुई है, वे किसान ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल खराबे की भरपाई के लिए 72 घंटे के अंदर अंदर आवेदन करें। किसान अपनी परिवार पहचान पत्र आईडी, मोबाइल नंबर या किसान आईडी भरकर लॉग इन कर सकता है। इस ‘ई-फसल क्षति पूर्ति पोर्टल’ को मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल के साथ लिंक किया हुआ है, इसलिए जिस खसरा नंबर में जिस फसल को बरसात से नुकसान हुआ है, उस खसरा नंबर के सामने खराबा भरें। इसमें फसल खराबे का कारण, तारीख, फसल में कितनी प्रतिशत नुकसान हुआ है और उस खसरा नंबर का बीमा करवाया है कि नहीं, यह समस्त जानकरियाँ भरना जरूरी है।

उन्होने कहा कि फसल में बारिश से हुए खराबे के आंकलन, सत्यापन और मुआवजा देने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व बीज विकास कार्यक्रम के तहत कवर हैं, उन किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। डीसी ने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं। पटवारी और कानूनगो इस पोर्टल पर प्राप्त होने वाले फसल खराबे के सभी आवेदनों को चेक करेंगे और खराबे की प्रतिशत तथा खेत की फोटो अपलोड करते हुए हर एंट्री की वेरिफ़िकेशन अथवा पुष्टि करेंगे।किसान के फसल खराबा रिपोर्ट करने के 7 दिनों के  अंदर अंदर पटवारी और कानूनगो को वेरिफिकेशन पूरी करनी है।

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