26 सितम्बर 2022, गुरुग्राम – सकारात्मक दृष्टिकोण कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता दिलाता है। तनावमुक्ति के लिए जरूरी है सकारात्मक दृष्टिकोण। उक्त विचार ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। सुखराली स्थित ब्लिस प्रीमियर में ‘कोपिंग अनसर्टेनिटी’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें सदैव दूसरों की विशेषताओं को ही देखना है। हम जो कुछ भी देखते और सुनते हैं, उससे हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि हमें सदा शुभ भावना और शुभ कामनाओं से सम्पन्न रहना है। जीवन तभी खुशियों से भरपूर होगा, जब हम खुशियां बांटेंगे।

इस अवसर पर विशेष रूप से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शिवानी ने कहा कि आज सब कुछ अनिश्चित है। कब किस प्रकार की घटना हो पता नहीं चलता। जिस कारण मनुष्य हर समय डर और भय से ग्रस्त रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय पर आध्यात्मिक शक्ति बहुत जरूरी है। आध्यात्मिक शक्ति हमारे अंदर आत्मिक बल उत्पन्न करती है। परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्व-स्थिति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज समाने की शक्ति की कमी है। हम एक-दूसरे को स्वीकार नहीं करते। अच्छे सम्बन्धों के लिए जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करना जरूरी है। सम्बन्धों में कटुता का प्रमुख कारण अपेक्षा और उपेक्षा का भाव है। लेने के बजाए देने की भावना ही सम्बन्धों को बेहतर बनाती है। उन्होंने कहा कि जो आपके हाथ में है, वो जरूर करें। जो आपके हाथ में नहीं है, उसके लिए मन में निराशा न आने दें।

कार्यक्रम में मिंडा ग्रुप के सीईओ रवि मेहरा, भारतीय कृषि अनुसंधान के फ्लोरीकल्चर के प्रमुख डॉ. एसएस सिंधु एवं बोर्ग वार्नर से अंजु शर्मा ने भी अपने विचार रखे।

कल्प तरुह अभियान के तहत किया गया वृक्षारोपण
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज के कल्प तरूह अभियान के तहत वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में लोगों को 2000 वृक्ष बांटे गए। पूरे देश में ब्रह्माकुमारीज के द्वारा अभी तक लाखों वृक्ष लगाए गए हैं। साथ ही दया और करुणा वर्ष के अन्तर्गत सभी से प्रतिज्ञा पत्र भी भरवाए गए। 1000 से भी अधिक लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन बीके ख्याति ने किया।

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