– श्री खरे ने हिपा गुरूग्राम में आईपीएस, रेलवे तथा पोस्टल सर्विसिज के अधिकारियों के एक विशेष फाउंडेशन कोर्स का किया शुभारंभ गुरूग्राम, 20 सितंबर। हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान(हिपा) में भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा तथा भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के लिए ‘एक विशेष फाउंडेशन कोर्स‘ शुरू किया गया जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार सेवानिवृत आईएएस श्री अमित खरे ने हिपा गुरूग्राम में किया। इस विशेष कोर्स के शुभारंभ अवसर पर श्री खरे ने सरकार के समक्ष आने वाली चुनौतियों को लेकर विस्तार से चर्चा की और समकालीन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कुछ अंतनिर्हित उद्देश्यों को सूचीबद्ध करते हुए उनके बारे में जानकारी दी। उन्होंने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि सरकारी सेवाओं की सर्विस डिलीवरी में सुधार लाने के साथ सूचनाओं का प्रसार करके नागरिकांे का सशक्तिकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रसाशनिक अधिकारी उन प्रैक्ट्सिज को अपनाएं जो विकास के प्रयासो में जन जागरूकता और सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करती हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम से दलालों, स्पीड मनी, जानबूझकर देरी करने की मानसिकता और भ्रष्टाचार जैसी अवांछनीय प्रथाओं को पूरी तरह से समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने इसे विकास में बाधा बताया और इच्छा जताई कि अधिकारीगण सरकारी संपतियों, राजस्व और खर्च पर नियंत्रण रखें। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि वे जल्द और सही निर्णय लेने के लिए एक मजबूत सूचना तंत्र विकसित करें। इसके साथ श्री खरे ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें विषयों को जल्द और सटीकता से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उत्पादकता और दक्षता वृद्धि के लिए नॉलेज नेटवर्क को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। श्री खरे ने कहा कि उन्हें दृढ़ विश्वास है कि ‘गुड गवर्नेंस’ प्रशासन को और उत्तरदायी बनाने, नागरिक हितैषी बनाने के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करने से शुरू होगा, जोकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम शासन और अधिकतम सुशासन‘ संदेश का सार है। हिपा की महानिदेशक सेवानिवृत आईएएस श्रीमती सुरीना राजन ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए इन अधिकारियों के 15 सप्ताह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शैक्षिक और गैर-शैक्षणिक घटकों का एक विवेकपूर्ण मिश्रण है। शैक्षणिक घटक में लॉ, पब्लिक पॉलिसी, बेसिक इक्नोमिक्स और डेटा विश्लेषण जैसे पारंपरिक विषयों सहित विभिन्न विषयों पर 15 मॉड्यूल से बना है। गैर-शैक्षणिक घटक में एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों के अलावा टैªक और गांव के दौरे शामिल होंगे। डेटा एनालिटिक्स और अवधारणाओं जैसे ‘सबका साथ-सबका विकास‘ और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विषयों सहित नए मॉड्यूल प्रशिक्षु अधिकारियों के व्यक्तित्व और क्षमताओं के विकास के लिए अध्ययन के अन्य विषय होंगे। उद्घाटन समारोह का समापन कोर्स निदेशक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। Post navigation डाकघरों का आज भी है बहुत अधिक महत्व: सुधीर सिंगला जीएमसीबीएल के निदेशक मंडल की 24वीं बैठक आयोजित