गुडग़ांव, 18 सितम्बर (अशोक) : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में दिन-प्रतिदिन स्ट्रीट डॉग की संख्या बढ़ती ही जा रही है और इनके द्वारा आमजन को काटने की घटनाओं में भी वृद्धि होती जा रही है। हालांकि नगर निगम ने पालतू डॉग्स के लिए नियमावली बनाई हुई है। यानि कि डॉग्स के मालिकों को निश्चित शुल्क भरकर नगर निगम से डाग पालने का लाईसेंस लेना पड़ता है। स्ट्रीट डॉग्स के लिए नगर निगम समय समय पर कार्यवाही भी करता रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से विभिन्न क्षेत्रों में यह कार्यवाही ठप्प सी होकर रह गई है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं राजेश पटेल, संदीप कुमार आदि का कहना है कि नगर निगम को बढ़ती स्ट्रीट डॉग्स की संख्या को नियंत्रित करने के लिए इन स्ट्रीट डॉग्स बाध्यकरण कराया जाना चाहिए ताकि इनकी प्रजनन क्षमता पर रोक लग सके। उनका कहना है कि ये स्ट्रीट डॉग्स रात में ही नहीं, अपितु दिन में भी आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर उनको घायल तक कर देते हैं। इनकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेता। हालांकि क्षेत्रवासी इन स्ट्रीट डॉग्स को बिस्किट व खाद्य सामग्री तथा दूध देते नजर अवश्य आते हैं, लेकिन जब इनके द्वारा लोगों पर हमला किया जाता है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए सामने नहीं आता। समाजसेवियों का कहना है कि नगर निगम को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पालतू डॉग्स द्वारा भी आमजन पर हमला किए जाने की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं और इनके पालकों के खिलाफ मामले तक भी दर्ज हुए हैं।

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