2 बजते ही सरकार की ओर से एडीसी महापंचायत में पहुंचे
20 से 22 किसानों की एक कमेटी बनाकर अपना पक्ष रखेंगे
9 अक्टूबर को यहीं पर किसान एकजुट अलग फैसला लेंगे

फतह सिंह उजाला
पचगांव/पटौदी। 
 किसानों ने अपनी बात सुनने के लिए संडे को 2 बजे तक का अल्टीमेटम शासन-प्रशासन को दिया और कहा कि प्रशासन की ओर से किसानों के साथ बात नहीं की गई तो सभी किसान दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे जाम कर देंगे। 2 बजते ही सरकार की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए गुरुग्राम के एडीसी व मानेसर के एसपी महापंचायत में पहुंचे, जिन्होंने बातचीत के जरिए मामले का हल निकालने को कहा और 20 से 22 किसानों की एक कमेटी बनाकर इस मामले में अपना पक्ष रखने की बात की। जिसपर किसानों ने फैसला लिया है कि वे अपना पक्ष आगामी 22 सितम्बर को रखेंगे। उसके बाद अगर सरकार को उनकी कमेटी की बात नहीं सुनती है तो आगामी 9 अक्टूबर को इसी स्थान पर पूरे हरियाणा के किसान एकजुट होकर अपना अलग फैसला लेंगे।

कर्ज सरकार पर तो जमीन किसान की क्यो बिके
पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा के खट्टर सरकार किसान हितैषी नहीं है। इस सरकार में पूरे प्रदेश का किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि इस सरकार से मांगने की जरूरत नहीं छीनने की जरूरत है। क्योंकि यह सरकार इस जमीन का अधिग्रहण प्रदेश का कर्ज उतारने के लिए कर रही है। यह किसानों के साथ कहां का न्याय है कि प्रदेश का कर्ज उतारने के लिए किसानों की जमीन बेची जाए। वह भी कौडिय़ों के भाव। गुरनाम सिंह ने अपने भाषण में एक बकरी की कहानी सुनाई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बकरी की संज्ञा दी और कहा कि इस सरकार से अपनी जमीन लेनी है तो सभी को एकजुट होना होगा और लडऩा होगा, क्योंकि बिना लड़े हमें हमारी जमीन मिलने वाली नहीं है।

जमीनों पर सरकार की है पैनी नजर
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि यह सरकार शुरू से ही किसान विरोधी रही है। इससे पहले किसानों को जो जीत मिली थी , वह किसानों की एकजुटता के बदौलत मिली थी। दोबारा भी किसानों को जीत तभी मिलेगी जब सभी किसान एकजुट होकर अधिग्रहण के विरोध में लड़ाई लड़ेंगे। सुशील गुप्ता ने कहा कि इस सरकार ने पहले तो रेलवे और एयरपोर्ट की जमीन अंबानी और अडानी के नाम कर दी है। अब किसानों की जमीन भी सरकार नहीं छोडऩा चाहती है। जहां जहां किसानों के पास कीमती जमीन है , वहां वहां जमीनों पर सरकार की पैनी नजर है, ऐसी स्थिति में सभी किसान भाइयों को एकजुट होकर ही लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा।

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