पवन कुमार बंसल

‘गंगा पुत्र ‘,’गीता मनीषी “,बिश्नोई रत्न ,खेल रत्न ईमानदार, कटटर ईमानदारऔर दीनबंधु।

ये उपाधिया किसी यूनिवर्सिटी से नहीं मिलती। ये तो भक्तो ने अपने आकाओं को दी है। अब भाई भक्त है उनकी मर्जी।

अब चर्चा गंगा पुत्र की। पूर्व चीफ मिनिस्टर भूपिंदर हूडा को उनके भक्तो ने गंगा पुत्र की उपाधि से नवाजा है। हुआ यह है की चीफ मिनिस्टर बनने से पहले वे एक बार गंगा नदी में डूबने से बच गए थे इसलिए गंगा पुत्र हो गए। चीफ मिनिस्टर बनने के बाद रोहतक में एक जनसभा में हूडा साहिब ने फ़रमाया की मेने मौत को करीब से देखा है। भाई साथ कुछ नहीं जाना। गंगा माँ की कृपा से जान बची और अब चीफ मिनिस्टर बना। बिना किसी दवाब और लालच के अपनी आत्मा की आवाज पर सरकार चलाऊंगा। फिर जाने क्या हुआ और आत्मा बिल्डर्स के पास चली गयी जिसके लिए वे अदालत में मुकदमे भी भुगत रहे है।

हूडा साहिब के कई भक्तो ने उन्हें हरियाणा के निर्माता की उपाधि भी दी है। ठीक है हूडा साहिब ने विकास किया खासतौर पर पुराने रोहतक जिले का। वैसे उनका नाम तो भूमि अधिग्रहण के नोटिस दिलवा किसानो की जमीने बिल्डर्स के हवाले करने को लेकर जाना जाता है। हमने तो सुना था बंसीलाल हरियाणा के विकास पुरष थे । खैर भक्तो को कौन चुनौती दे सकता है।

कुरुक्षेत्र के स्वामी ज्ञानानंद को उनके भक्तो ने ” गीता मनीषी ” की उपाधि दे रखी है।

अब बिश्नोई रतन। पूर्व चीफ मिनिस्टर भजन लाल ने बिश्नोई कम्युनिटी के लिए बहुत किया। राजस्थान तक के बिश्नोईयों को हरियाणा में नौकरी दी। उनके भकतो ने उन्हें :” बिश्नोई रत्न ” की उपाधि दे दी। कांग्रेस विधायक आनंद सिंह दांगी ने भी मेहम में एक सभा में भजन लाल को चौबीसी रत्न की उपाधि दे दी। अब भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई , बिश्नोई रत्न हो गए है। वैसे बिश्नोई रत्न की हकदार तो अमृता जी है जिन्होंने वर्षो पहले वृक्ष बचाने के लिए अपना सर कटवा लिया था।

अब खेल रत्न। भारत रत्न तो सुना था। अभय चौटाला के भक्तो ने उन्हें खेल रत्न की उपाधि दे रखी है।

वैसे हरियाणा में प्रोफेसर राम बिलास शर्मा,प्रोफेसर कैलाशो सैनी ,प्रोफेसर सम्पत सिंह और हूडा के नवरत्न प्रोफेसर वीरेंदर है। पता नहीं इन्होने किस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है।

अब अपन अपर भी तो आरोप लग सकता है की अपने आप गुस्ताखी माफ़ हरियाणा की उपाधि ले ली और इस आड़ में किसी की भी पगड़ी उछाल देते हो और फिर कह देतो हो गुस्ताखी माफ़.. अपने मनोहर लाल ने ईमानदार और केजरीवाल ने कटटर ईमानदार की उपाधि ले रखी है।

भाई दीनबंधु की उपाधि तो रह ही गयी। होम मिनिस्टर अनिल विज के एक भक्त ने उन्हें दीनबंधु की उपाधि दे दी। वैसे गब्बर की उपाधि तो उन्होंने अपने आप ले रखी है। भाई अपन ने तो दीनबंधु के नाम से रहबरेआज़म दीनबंधु छोटू राम का नाम सुना था जिन्होंने किसानो के हित के लिए बहुत कुछ किया। अब ये नया दीनबंधु कहा से आ गया। लिखते वक्त डर भी लग रहा है। भाई ये मॉडर्न दीनबंधु होम मिनिस्टर है। रोज अपने दरबार में पुलिस को हड़काते है। अब अपने किसी चेले पुलिस अफसर को अपन के पीछे लगा दिया तो क्या होगा ? खैर राम भली करेगा।

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